आएता (Ati) एक नेग्रिटो मानव जाति है जो दक्षिणपूर्वी एशिया के फ़िलिपीन्ज़ देश के लूज़ोन द्वीप के कुछ दूर-दराज़ पहाड़ी इलाक़ों में रहती है। इनका फ़िलिपीन्ज़ की अन्य नेग्रिटो जातियों से - जैसे कि विसाया के आती लोग, पलावन के बतक लोग और मिन्दनाओ के ममनवा लोग - से आनुवांशिक (जेनेटिक) सम्बन्ध हैं।

आएता लोग

मारिवेलेस, बाताआन प्रान्त की आएता लड़की (सन् १९०१ का चित्र)
कुल जनसंख्या
?
महत्वपूर्ण जन्संख्या वाले क्षेत्र
लूज़ोन
भाषा

मग-इन्दी, मग-अन्त्सी, अबेलेन, आम्बला, मारिवेलेन्यो

धर्म

सर्वात्मवाद, ईसाई धर्म (रोमन कैथोलिक)

संबंधित जातीय समूह

अन्य नेग्रिटो जातियाँ, विसाया जातियाँ, और फ़िलिपीनी

इतिहास संपादित करें

आधुनिक काल से २०,००० से ३०,००० वर्ष पहले हिमयुग के दौरान समुद्री सतह नीचे थी क्योंकि बहुत-सा जल बर्फ़ के रूप में जमा हुआ था। भूवैज्ञानिक मानते हैं कि तब बोर्नियो के द्वीप और फ़िलिपीन्ज़ के बीच एक ज़मीनी पुल अस्तित्व में था जो हिमयुग की समाप्ति पर समुद्र में डूब गया। माना जाता है कि आती, आएता व अन्य फ़िलिपीनी नेग्रिटो लोगों के पूर्वज इसी पुल पर चलकर दसियों हज़ार साल पूर्व फ़िलिपीन्ज़ के विसाया क्षेत्र में पहुँचे थे।[1]

परिचय संपादित करें

ये कद में नाटे (पुरुषों की ऊँचाई प्राय: ४ फु. ९ इं.), काले वर्ग के तथा ऊन की तरह घुँघराले बालोंवाले होते हैं। अपने कृष्ण रंग के बावजूद इनमें कुछ लोगों के प्राकृतिक रूप से सुनहरे बाल होते हैं।[2] इनके पैर आकार में लंबे तथा अग्र भाग कुछ मुड़ा हुआ एवं देखने में बेडौल प्रतीत होता है। इनमें परिवार को सामाजिक इकाई माना जाता है। बहुविवाह समाज द्वारा स्वीकृत है, परंतु एक विवाह ही अधिक प्रचलित है। इनके यहाँ मृतकों को गाड़ने की प्रथा है; किंतु किसी मृतक को यदि संमानित करना होता है तो उसका शव नगर या ग्राम से दूर एक लकड़ी के मचान या वृक्ष पर रख दिया जाता है। इनमें धनुष तथा विषाक्त तीरों का, लंबे भाले तथा बर्छियों या आयुधों के रूप में प्रयोग किया जाता है। इनके प्रयोग में ये बड़े निपुण हैं, परंतु अग्नि प्रज्वलित करने की पुरानी विधि (लकड़ियों को आपस में रगड़कर) अभी तक प्रचलित है। धार्मिक कृत्यों के समय ये लोग प्राय: विशाल सर्पो (अजगरों) की पूजा करते हैं जिसके अंतर्गत उन पूज्य सर्पराजों को जमीकंद एवं मधु अर्पित किया जाता है।

लूज़ोन द्वीप में मलयवासियों के बसने के पहले इस भूखंड पर इसी आएता जाति का स्वामित्व रहा। ये 'तगालोग' इत्यादि जातियों से तब तक कर वसूलते रहे जब तक जनशक्ति अधिक हो जाने पर उन्होंने इन्हें पहाड़ी अंचलों में खदेड़ नहीं भगाया।

कर न देनेवाले का सिर उतार लेने की प्रथा भी प्रचलित थी। बहुत काल तक, संभवत: अभी तक, ये ऐटा लोग 'इगोरोट्स' तथा अन्य पड़ोसियों से हुए युद्धों में मारे गए शत्रुओं की खोपड़ियों को एकत्र कर उनका हिसाब किताब रखते आए हैं।

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Scott, William Henry (1984), Prehispanic Source Materials for the study of Philippine History, New Day Publishers, पपृ॰ xix, 3, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 971-10-0226-4, मूल से 22 दिसंबर 2016 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 2008-08-05.
  2. "The Lost History of the Little People: Their Spiritually Advanced Civilizations around the World, Susan B. Martinez, Inner Traditions / Bear & Co, 2013, ISBN 9781591438045, ... indeed, the ancestors of these Aeta folk, according to a thirteenth-century Chinese account, had yellow eyes. There is some blondism there still among these Negritos ...