आदमी (1968 फ़िल्म)
आदमी 1968 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है।[1] इसका निर्देशन ए॰ भीमसिंह ने किया है और इसमें दिलीप कुमार, वहीदा रहमान, मनोज कुमार, सिमी गरेवाल और प्राण हैं। यह फ़िल्म 1962 की एक तमिल फ़िल्म की रीमेक है।
आदमी | |
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आदमी का पोस्टर | |
निर्देशक | ए॰ भीमसिंह |
लेखक |
अख़्तर-उल-ईमान कौशल भारती रामाराव शमन्ना |
निर्माता | पी॰ एस॰ वीरप्पा |
अभिनेता |
दिलीप कुमार, वहीदा रहमान, मनोज कुमार, सिमी गरेवाल, प्राण |
संगीतकार | नौशाद |
प्रदर्शन तिथि |
1968 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंराजेश, हालांकि बहुत कम उम्र में अनाथ हो गया था, एक बहुत अमीर और कुलीन परिवार से आता है। बचपन में वह मीणा नाम की एक लड़की से प्यार करता था। जब उसकी मृत्यु हो जाती है तो राजेश उसकी जगह एक गुड़िया को दे देता है। वर्षों बाद, राजेश (दिलीप कुमार) बड़ा हो गया है, लेकिन गुड़िया अभी भी उसकी अलमारी की दराज में है। उसे मीणा नाम की एक महिला से प्यार हो गया है और वह उससे शादी करना चाहता है। यहां तक कि वह मीणा के पिता गिरधारीलाल को कुछ पैसे भी देता है ताकि वह अपनी बड़ी बेटी पार्वती की शादी साहूकार मायादास (प्राण) के बेटे प्रेम से कर सके।
वह मीणा को अपने करीबी और सबसे अच्छे दोस्त, डॉ. शेखर (मनोज कुमार) से मिलवाता है और जल्द ही मीणा से औपचारिक रूप से सगाई कर लेता है। इसके बाद, राजेश और मीणा के साथ मोटरकार दुर्घटना हो जाती है। इसमें राजेश विकलांग हो जाता है और उसे पहियाकुर्सी पर बैठना पड़ता है। तभी राजेश को पता चलता है कि शेखर और मीणा के बीच अफेयर चल रहा है। उसकी पुरानी जानलेवा और स्वामित्व वाली नफरत, जिसे वह छुपाने में कामयाब रहा था, फिर से सामने आ जाती है। वह शेखर से बदला लेना चाहता है।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- दिलीप कुमार — राजेश / राजा साब
- वहीदा रहमान — मीणा
- मनोज कुमार — डा॰ शेखर
- सिमी गरेवाल — आरती
- प्राण — मायादास
- पद्मा चव्हाण — पार्वती
- आग़ा — प्रेम
- शिवराज — गिरधारीलाल
- मोहन चोटी — हरि
- सुलोचना लाटकर — शेखर की माता
संगीत
संपादित करेंसभी गीत शकील बदायूँनी द्वारा लिखित; सारा संगीत नौशाद द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "कल के सपने आज भी आना" | लता मंगेशकर | 3:41 |
2. | "कैसी हसीन आज बहारों की रात" | मोहम्मद रफ़ी, तलत महमूद | 4:42 |
3. | "मैं टूटी हुई एक नैया हूँ" | मोहम्मद रफ़ी | 4:38 |
4. | "आज पुरानी राहों से" | मोहम्मद रफ़ी | 5:10 |
5. | "ना आदमी का कोई भरोसा" | मोहम्मद रफ़ी | 3:52 |
6. | "कारी बदरिया मारे लहरिया" | लता मंगेशकर | 4:25 |
नामांकन और पुरस्कार
संपादित करेंवर्ष | नामित कार्य | पुरस्कार | परिणाम |
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1969 | दिलीप कुमार | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार | नामित |
मनोज कुमार | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार | नामित |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "वर्ष 1944 से शुरू हुई थी दिलीप कुमार की अभिनय यात्रा, जानें-कब आई कौनसी फिल्म और टॉप-5 मूवी". 7 जुलाई 2021. अभिगमन तिथि 5 अगस्त 2023.