आदर्श चुनाव आचार संहिता
भारतीय निर्वाचन आयोग की आदर्श चुनाव आचार संहिता (Model Code of Conduct) राजनीतिक दलों एवं प्रत्याशियों के लिये बनायी गयी एक नियमावली है जिसका पालन चुनाव के समय आवश्यक है। चुनाव आयोग चुनाव से पहले इसके लागू होने की घोषणा करता है और चुनाव के बाद इसके समाप्त होने की। यह सरकार, राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों तथा जनता को दिये गये निर्देश हैं, जिसका पालन चुनाव के दौरान किया जाना जरूरी है। चुनाव आचार संहिता चुनाव की तिथि की घोषणा से लागू होता है और यह मतदान के परिणाम आने पर समाप्त हो जाता है। चुनाव आचार संहिता संविधान में वर्णित नहीं किया गया है,अपितु यह एक क्रमशः प्रक्रिया का परिणाम है। इसका प्रवर्तन एक चुनाव आयुक्त एन.शेषण द्वारा किया गया है। चुनाव आचार संहिता के अंतर्गत अनेक बातें शामिल है- 1.सरकार के द्वारा लोक लुभावन घोषणाएँ नहीं करना।
2.चुनाव के दौरान सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग न करना।
3.राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के द्वारा जाति, धर्म व क्षेत्र से संबंधित मुद्दे न उठाना।
4.चुनाव के दौरान धन-बल और बाहु-बल का प्रयोग न करना।
5.आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी व्यक्ति को धन का लोभ न देना।
6.आचार संहिता लागू हो जाने के बाद किसी भी योजनाओ को लागू नहीं कर सकते।
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- आदर्श चुनाव आचार संहिता (त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन-2015 में राजनीतिक दलों/उम्मीदवारों तथा शासकीय/अ(र्शासकीय कर्मियों हेतु)
- निर्वाचन-व्यय अनुवीक्षण से सम्बन्धित आदेशों का संकलन (२०१५)