आदि बद्री (हरियाणा)

राजमहल हरियाणा,भारत

आदि बद्री हरियाणा के यमुनानगर ज़िले में स्थित वनक्षेत्र है। यह स्थान पौराणिक महत्त्व रखने वाली, लुप्त हो चुकी सरस्वती नदी का उद्गम स्थल है।[1]

आदि बद्री
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०)
देश  भारत
राज्य हरियाणा

निर्देशांक: 30°16′N 77°16′E / 30.27°N 77.27°E / 30.27; 77.27

कपाल मोचन सरोवर और गौ-बच्चा मंदिर
आदि बद्री में ध्यान प्रकोष्ठ

परिचय संपादित करें

यह तथ्य भारतीय पुरातत्व विभाग तथा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) द्वारा प्रमाणित भी किया गया है। आस-पास खुदाई में मिले अवशेष, तथा दूरसंवेदी उपग्रहों द्वारा ली गई तस्वीरें पास ही में स्थित एक संग्रहालय में रखी गई हैं। इन तस्वीरों से यह भी प्रमाणित हुआ है कि सरस्वती नदी आज भी धरातल के नीचे प्रवाहमान् है, तथा कुरुक्षेत्र, पिहोवा, हिसार, मोहनजोदड़ो, राजस्थान होती हुई अरब सागर में विलीन होती है।[2][3]

आदि बद्री में यह नदी पहाड़ों से निकलकर धरती में प्रविष्ट होती है। इसी प्रक्रिया में मात्र एक कुंड के रूप में इस नदी के दर्शन पृथ्वीतल पर होते हैं। कुछ लोग मानते हैं कि यही एकमात्र ऐसा स्थान है, जबकि कुछ लोग मानते है कि इस नदी के दर्शन पिहोवा में भी होते हैं। इस अवस्था में इस स्थान की तुलना हरिद्वार से की जा सकती है, जहाँ गंगा नदी पहाड़ों से निकलकर मैदानी तल पर अवतरित होती है।

कुछ इतिहासकार मानते हैं कि सरस्वती नदी हरियाणा के आदि बद्री से गुजरात के देसलपुर तक जाती है तथा हड़प्पा सभ्यता सरस्वती और सिन्धु नदियों के तटों पर ही थी।[4]

कुछ अन्य इतिहासकारों का यह भी मानना है कि आज की घग्गर नदी ही पौराणिक सरस्वती नदी है।[5]

सरकार ने सरस्वती नदी की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए प्रयास किए हैं और इस उद्देश्य के लिए एक समिति का गठन किया है। एक विज्ञप्ति में भारत सरकार ने यह माना है कि हड़प्पा सभ्यता के प्रमुख केन्द्र कालीबंगा (राजस्थान), बानावाली और राखीगढ़ी (हरियाणा) तथा धोलावीरा और लोथल (गुजरात) सरस्वती नदी के किनारे ही स्थित हैं। आदिबद्री-धोलावीरा सर्किट को 10 वीं पंचवर्षीय योजना अवधि के दौरान विकास के लिए प्राथमिकता वाले सर्किट में रखा गया है।[6][7]

पुरातत्वविद् एस॰पी॰ गुप्ता के अनुसार, आदि बद्री से प्रारंभ होकर सरस्वती नदी कच्छ के रण से होती हुई, कराची (पाकिस्तान) को छूती थी। उन्होने कथित तौर पर हड़प्पा सभ्यता से जुड़ा हुआ कुछ 700 साइटों नदी के तट पर पायी गयी हैं।[8]

अभी 2017 में हरियाणा के यमुनानगर जिले के मुगलवाली (मौदगिल वाली) गाँव, त॰बिलासपुर में, सरस्वती की खुदाई के दौरान पानी निकला है।[9]

नामोल्लेख संपादित करें

इस स्थान का उल्लेख, महत्त्व आदि निम्न प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है[10]-

भौगोलिक स्थिति व आवागमन संपादित करें

आदि बद्री अक्षांश-३० २७ उत्तर, देशांतर- ७७ २७ पूर्व में अवस्थित है। साथ ही यह हरियाणा के यमुनानगर ज़िले के बिलासपुर कस्बे से २० कि॰मी॰ दूरी पर बिलासपुर नाहन लिंक रोड पर स्थित है। सबसे नज़दीकी गाँव काठगढ़ (२ कि॰मी॰ दूर) है। यहाँ जाने के लिये पहले यमुनानगर जाना पड़ता है।

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Early Harappans and Indus Sarasvati Civilization, 2 Vols. by Sharma, D P and Madhuri Sharma (ed) 2006
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 27 जून 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अगस्त 2013.
  3. Kalyanaraman, S., Geol. Soc. India, Mem., 1999, 42, 25–33.
  4. Early Harappans and Indus Sarasvati Civilization, 2 Vols. by Sharma, D P and Madhuri Sharma (ed) 2006,www.easternbookcorporation.com
  5. Kochhar, R., Geol. Soc. India, Mem., 1999, 42, 47–51., http://www.iisc.ernet.in/currsci/oct25/articles20.htm Archived 2013-06-27 at the वेबैक मशीन
  6. Press Information bureau, http://pib.nic.in/newsite/erelease.aspx?relid=94098 Archived 2016-09-11 at the वेबैक मशीन
  7. http://planningcommission.nic.in/aboutus/committee/wrkgrp11/wg11_tourism.pdf Archived 2013-04-04 at the वेबैक मशीन, 2.05-page8 and appendix-1.
  8. "संग्रहीत प्रति". मूल से 6 मार्च 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 अगस्त 2013.
  9. "हिंदी खबर, Latest News in Hindi, हिंदी समाचार, ताजा खबर". Patrika News (hindi में). अभिगमन तिथि 2020-07-30.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)[मृत कड़ियाँ]
  10. haryanatourism.gov.in/destination/yamunanagar.asp

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें