आम्रकार्दव चंद्रगुप्त (द्वितीय) विक्रमादित्य (ल. ३७५-४१४ ई.) का सेनापति। वह बौद्ध था और साँची के एक अभिलेख से प्रमाणित होता है कि उसने २५ दीनार और एक गाँव वहाँ के आर्यसंघ (बौद्धसंघ) को दान में अर्पित किए थे। आम्रकार्दव का नाम विशेषत: गुप्तों की धार्मिक सहिष्णुता के प्रमाण में उदधृत किया जाता है। चंद्रगुप्त विक्रमादित्य परम भागवत, परम वैष्णव थे, परंतु सेनापति के पद इस बौद्ध को नियुक्त करने में उन्हें आपत्ति नहीं हुई।