आयोडीन या अवकारक लवण एक रासायनिक तत्त्व है। आयोडीन हमारे आहार के प्रमुख पोषक तत्वों में से है और इसकी कमी से दिमाग़ और शरीर के विकास से जुड़ी कई बीमारियाँ होती हैं। दुनिया में प्रति वर्ष लाखों बच्चे सीखने की कमज़ोर क्षमता के साथ पैदा होते है क्योंकि उनकी माताओं ने गर्भावस्था के दौरान भोजन में आयोडिन की पर्याप्त मात्रा नहीं लीं.आयोडीन की मदद से 'गर्दन के पास पाई जाने वाली थायरॉयड ग्रंथि विकास के 'लिए' ज़रूरी हार्मोन पैदा करती है।' आयोडिन की कमी के कारण बच्चों का बौद्धिक स्तर 10 से 15 प्रतिशत तक कम हो सकता है।( अन्य नाम"अवकारक लवण" है।)

आयोडिन / Iodine
रासायनिक तत्व
रासायनिक चिन्ह: I
परमाणु संख्या: 53
रासायनिक शृंखला: हैलोजन

आवर्त सारणी में स्थिति
अन्य भाषाओं में नाम: Iodine (अंग्रेज़ी), Йод (रूसी), ヨウ素 (जापानी)

आयोडीन के यौगिक संपादित करें

आयोडाइड संपादित करें

हाइड्रियाडिक अम्ल (Hl) के लवण आयोडाइड हैं। प्राय: समस्त आयोडाइड जलविलेय है। केवल पारद, लेड, क्यूप्रस तथा सिल्वर के आयोडाइड अविलेय हैं। फिरभी ये आयोडाइड पोटैसियम आयोडाइड की अधिक मात्रा डालने पर विलेय हो जाते हैं। धातु आयोडाइड गरम किये जाने पर धातु या धातु आक्साइड में परिणत हो जाते हैं और आयोडीनमुक्त करते हैं। ब्रोमाइड या क्लोराइड की तुलना में आयोडाइड कम वाष्पशीलहै। पोटैसियम आयोडाइड का उपयोग औषधि तथा अभिकर्मक के रूप में और सिल्वर आयोडाइड का फोटोग्राफी में उपयोग होता है।

जंबुकी आक्साइड या जंबुकी पेंटाक्साइड I2O5- यहश्वेत ठोस है जो 30 डिग्री के ऊपर विघटित हो जाता है। जल में घुलकर आयोडिक अम्ल प्रदान करता है। प्रबल आक्सीकारक की तरह कार्य करने वाला।

आयोडिक अम्ल- यह रंगहीन ठोस है जो 110 पर विघटित हो जाता है, जल में विलेय। जंबुकी को सान्द्र HNO3, H2O2 या O3 के द्वारा आक्सीकृत करने से यह अम्ल प्राप्त। एक प्रबल अम्ल तथा शक्तिशाली आक्सीकारक। इसके लवण आयोडेट हैं।

आयोडिक अम्ल H5I6 या पर-आयोडिक अम्ल- जलग्राही श्वेत यौगिक जो 138 पर विघटित हो जाता है। जल में अत्यधिक विलेय, दुर्बल अम्ल किन्तु प्रबल आक्सीकारक। इसे आयोडिक अम्ल के विद्युत आक्सीकरण द्वारा तैयार करते हैं। इससे लवण पर आयोडेट कहलाते हैं।

आयोडेट- आयोडिक अम्ल के लवण।

परआयोडेट -परआयोडिक अम्ल के लवण। पोटैसियम परआयोडेट का उपयोग मैंगजीन के निश्चियन में किया जाता है।

हाइड्रियाडिक अम्ल (HI) या हाइड्रोजन आयोडाइड- एकक्षारकीय अम्ल जिसे हाइड्रोजन तथा आयोडीन वाष्प को गरम स्पंजी प्लैटिनम के ऊपर गुजार कर प्राप्त किया जाता है।

H2+ I2 --> 2HI

जलीयविलयन अम्लीय। क्षारों के साथ आयोडाइड लवण बनते हैं। प्रबल अपचायक। क्लोरीन, ब्रोमीन तथा नाइट्रिक अम्ल को अपचित करके आयोडीन मुक्त करता है। पोटैसियम परमैंगनेट के लाल रंग को समाप्त करता है। यह फेरिक तथा क्यूप्रिक लवणों को क्रमश: फेरस तथा क्यूप्रस लवणों में परिणत करता है। सिल्वर नाइट्रेट के साथ सिल्वर आयोडाइड का पीला अवक्षेप प्रदान करता है। इसका उपयोग कार्बनिक यौगिकोंके अपचयन के लिए किया जाता है।