आरएसी (RAC) या रद्दकरण पर आरक्षण(अंग्रेज़ी: Reservation Against Cancellation) भारतीय रेल में यात्रा के लिए विक्रय योग्य एक प्रकार का टिकट है। आरएसी टिकट के साथ रेलगाड़ी में यात्रा की जा सकती है लेकिन इसमें शायिका (बर्थ अथवा सोने की सीट) मिलने की बाध्यता नहीं होती। आरएसी टिकट धारक यात्री को अपने सीट एक और सह-यात्री के साथ साझा करना होता है।[1] दो आरएसी टिकट धारकों के लिए एक बर्थ को 2 सीटों में बांटा गया है जिसमें यात्रियों को साइड लोअर सीट दिया जाता है। एक बर्थ उस टिकट को आवंटित की जाएगी जो आरएसी टिकट आरक्षित करता है, अगर जिन यात्रियों के पास पहले से ही कन्फर्म टिकट है, वे ट्रेन के प्रस्थान से पहले अपना कन्फर्म टिकट रद्द नहीं करवा सकते हैं।[2][3] यदि दोनों यात्रियों में से कोई एक यात्री अपनी यात्रा को रद्द करता है तो दूसरे यात्री को पूरी शायिका मिल जाती है अतः इस टिकट को निरस्त टिकट के स्थान पर आरक्षण अथवा निरस्त टिकट के बदले आरक्षण के रूप में भी पहचाना जाता है।

एक आरएसी टिकट धारक को खाली बर्थ दी जाती है यदि:

  • यदि कोई अंतिम निर्धारित समय में रद्द करता है।
  • यदि किसी आरक्षित स्थान की टिकटें बिना बिके रह जाती हैं।
  • अगर किसी कंफर्म टिकट धारक को अपर क्लास में सीट की उपलब्धता के हिसाब से फ्री अपग्रेड दिया जाता है।

अगर ऐसा होता है तो दूसरा आरएसी टिकट धारक 2 सीटों को शायिका में बदल सकता है।[4][5]

  1. "आरएसी, सीएनएफ, एनआर जैसे कोड के जरिए रेलवे देता है जरूरी जानकारी, इनमें छुपी हैं काम की डिटेल". दैनिक भास्कर. 2019-05-13.
  2. "भारतीय रेल यात्री आरक्षण पूछताछ". भारतीय रेल. अभिगमन तिथि 2024-10-19.
  3. "Welcome to Indian Railway Passenger Reservation Enquiry". www.indianrail.gov.in (अंग्रेज़ी में). भारतीय रेल. अभिगमन तिथि 2024-10-19.
  4. "भारतीय रेलवे - आरएसी". Indian Mike Forum. अभिगमन तिथि 17 April 2013.
  5. "RAC का मतलब क्या होता है, खुशी-खुशी आधी सीट के पूरे पैसे क्यों देता है यात्री, बाकी वेटिंग से कैसे है ये अलग?". न्यूज़18. 2023-07-29. अभिगमन तिथि 2024-10-19.