आ गले लग जा (1994 फ़िल्म)
आ गले लग जा 1994 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसका निर्माण सलीम अख्तर ने किया और इसकी कहानी सलीम खान ने लिखी। इसके कलाकार जुगल हंसराज, उर्मिला मातोंडकर, परेश रावल, अशोक सर्राफ, रंजीत, रीमा लागू, रज़ा मुराद और गुलशन ग्रोवर हैं। इस फिल्म से जुगल हंसराज ने पहली बार प्रमुख भूमिका निभाई।[1] उन्होंने 1980 के दशक में कई फिल्मों में पहले बाल कलाकार के रूप में काम किया था। संयोग से, उन्हेंने उर्मिला मातोंडकर के साथ फिल्म मासूम (1983) में उनके भाई की भूमिका निभाई थी।
आ गले लग जा | |
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आ गले लग जा का पोस्टर | |
निर्देशक | हामिद अली खान |
लेखक | सलीम ख़ान |
निर्माता | सलीम अख्तर |
अभिनेता |
जुगल हंसराज, उर्मिला मातोंडकर, अजीत, रीमा लागू, रंजीत, परेश रावल, अशोक सर्राफ |
संगीतकार | अनु मलिक |
प्रदर्शन तिथि |
1994 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंसूरज (जुगल हंसराज) अपने चाचा मामतरम (परेश रावल) द्वारा पाला एक गरीब लड़का है। रोशनी (उर्मिला मातोंडकर) अपनी विधवा चाची शकुंतलादेवी (रीमा लागू) द्वारा पाली गई अमीर लड़की है। सूरज और रोशनी प्यार में पड़ते हैं, लेकिन उसकी चाची यह जानकर विवाह का विरोध करती है कि जुगल उर्मिला के पिता के ड्राइवर का बेटा है, जो उनका हत्यारे भी है। जुगल के चाचा ने पुष्टि की कि उसके असली पिता वास्तव में जेल में थे, लेकिन एक तेज ट्रक द्वारा रिहाई पर उन्हें मारा दिया गया था।
सूरज के सपने बिखर जाते हैं। अचानक, कोई रोशनी के पिता के व्यापार के भागीदारों की हत्या शुरू कर देता है। सूरज की ओर संदेह जाता है। हत्या के मामलों को पुलिस इंस्पेक्टर रामभजन सिंह (गुलशन ग्रोवर) को सौंपा गया है। यह समझने के बाद कि हत्यारा कोई तीसरा व्यक्ति है जिसके बारे में कोई नहीं जानता, इंस्पेक्टर उसके लिए एक जाल की व्यवस्था करता है।
यह पाया जाता है कि हत्यारा जुगल के मृत पिता है। वह सभी को बताता है कि उर्मिला के पिता के वास्तविक हत्यारे उनके व्यापारिक साझेदार थे, जो डरते थे कि उसके पिता उनकी धोखाधड़ी का पर्दाफाश करेंगे। उन्होंने जुगल के पिता फँसाया। इंस्पेक्टर द्वारा गिरफ्तार करने से पहले, जुगल के पिता अस्पताल में आखिरी साथी को मार देते हैं।
अंत में जुगल के पिता ने पुलिस को आत्मसमर्पण कर दिया और फिल्म समाप्त हो गई।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- जुगल हंसराज - सूरज
- उर्मिला मातोंडकर - रोशनी
- परेश रावल - मामतरम
- रीमा लागू - शकुंतला देवी
- अजीत - कालका सिंह
- इशरत अली - रखाब सिंह
- अर्जुन - सिकन्दर खन्ना
- गुलशन ग्रोवर - इंस्पेक्टर रामभजन सिंह
- दिनेश हिंगू - हवलदार
- रूपेश कुमार - खन्ना
- रज़ा मुराद - वकील जगतपाल शर्मा
- रंजीत - डा. माथुर
- कुनिका - जगतपाल की पत्नी
- राजेश पुरी - चुन्नू
- अशोक सर्राफ - धनीराम
- महावीर शाह - ट्रक चालक
संगीत
संपादित करेंफिल्म अपने मधुर गीतों के लिये जानी जाती है।
सभी अनु मलिक द्वारा संगीतबद्ध।
क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | गायक | अवधि |
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1. | "आ गले लग जा" | नवाब आरज़ू | अभिजीत, कविता कृष्णमूर्ति | 7:47 |
2. | "आज हमें मालूम हुआ" | अनवर सागर | कुमार सानु, कविता कृष्णमूर्ति | 7:17 |
3. | "हम न होंगे जुदा" | अनवर सागर | उदित नारायण, साधना सरगम | 8:17 |
4. | "जिस जीवन में" | ज़मीर काज़मी | उदित नारायण, सुजाता गोस्वामी | 6:48 |
5. | "मैं आशिक हूँ" | कुमार सानु, सुजाता गोस्वामी | 6:04 | |
6. | "तेरे बगैर" | गौहर कानपुरी | कुमार सानु, साधना सरगम | 7:56 |
7. | "याद तेरी आती है" | अनवर सागर | कुमार सानु | 5:26 |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ ताम्रकर, समय (7 जुलाई 2014). "जुगल हंसराज ने शादी की". वेबदुनिया. अभिगमन तिथि 2 जून 2018.