ये विदर्भराज भोज की बहन, राजा अज की पत्नी और दशरथ की माता थी। पूर्व जन्म में यह (हारिणी) अप्सरा थीं। इंद्र ने इन्हें तृणबिंदु ऋषि की तपस्या भंग करने के लिए भेजा था। ऋषि ने इन्हें मनुष्य योनि में जन्म पाने का अभिशाप दे दिया था। इनके अत्यंत विनय करने पर ऋषि ने इनको स्वर्गीय पुष्प का प्रदर्शन करने पर फिर से इंद्र लोक में वापस हो सकने का वचन प्रदान किया था। एक बार जब ये अज के साथ वाटिका विहार कर रही थी उस समय इन्हें नींद आ गई। ये लता मंडप में सोइ हुई थी। नारद जी, जो उसी समय संयोग वश स्वर्ग से आ रहे थे, वीणा से पारिजात की माला इनके ऊपर गिर पड़ी। फलतः ये दिवंगत होकर पुनः इंद्रलोक पहुँच गई।

हिंदी साहित्य कोश- भाग-2, पृष्ठ- 41