इक़बाल मजीद
इक़बाल मजीद १९६० के बाद उभरे उर्दू कथाकारों में विशेष स्थान रखते हैं। उनके दो कथासंग्रह भीगे ५० लोग तथा हलफ़िया बयान प्रकाशित हुए हैं। उन्होंने रेडियो के लिए बहुत से नाटक लिखे हैं जिनमें से कुछ पुरस्कृत भी हुए हैं।[1]
इक़बाल मजीद १९६० के बाद उभरे उर्दू कथाकारों में विशेष स्थान रखते हैं। उनके दो कथासंग्रह भीगे ५० लोग तथा हलफ़िया बयान प्रकाशित हुए हैं। उन्होंने रेडियो के लिए बहुत से नाटक लिखे हैं जिनमें से कुछ पुरस्कृत भी हुए हैं।[1]