इमली

इमली की उत्पत्ति अफ्रीका में हुई थी ।

इमली (अरबी: تمر هندي तमर हिन्दी "भारतीय खजूर") पादप कुल फ़बासी का एक वृक्ष है। इसके फल लाल से भूरे रंग के होते हैं, तथा स्वाद में बहुत खट्टे होते हैं। इमली का वृक्ष समय के साथ बहुत बड़ा हो सकता है और इसकी पत्तियाँ एक वृन्त के दोनों तरफ छोटी-छोटी लगी होती हैं। इसके वंश टैमेरिन्डस में सिर्फ एक प्रजाति होती है।

इमली
वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत: पादप
विभाग: मैग्नोलियोफाइटा
वर्ग: मैग्नोलियोप्सिडा
गण: Fabales
कुल: फैबेसी
उपकुल: Caesalpinioideae
वंश समूह: Detarieae
वंश: टैमेरिन्डस
जाति: T. indica
द्विपद नाम
Tamarindus indica
लीनियस

शरीर में रक्तसंचार को बेहतर बनाने और आयरन की कमी को पूरा करने में इमली सहायक होती है, जिससे शरीर में लाल रक्त कोशि‍काओं का निर्माण अधि‍क होता है, और आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।

6 आंखों में दर्द या जलन की शिकायत होने पर भी इमली काफी मददगार होती है। ऐसा होने पर इमली के रस में दूध मिलाकर आंखों के बाहर लगाने से आराम मिलता है। आंखों में खुजली होने पर भी इमली असरकारक है।दस्त लगने की समस्या में इमली के बीज काफी फायदेमंद होते हैं। इमली के सूखे हुए बीजों को पीसकर उसमें अदरक पाउडर और उसमें विशप घास और सेंधा नमक मक्खन मिलाकर दूध के साथ पीने पर लाभ मिलता है।

8 बवासीर की समस्या होने पर तेल और घी को समान मात्रा में लेकर उसमें इमली की पत्तियों को तल लें अब इसमें अनार के बीज, सूखा अदरक, धनिया पाउडर डालकर पकाने के बाद दही मिलाकर खाने से लाभ होता है। खूनी बवासीर में इमली के गूदे को दलिया के साथ खाने पर आराम मिलता है।

9 शरीर के किसी अंग में किसी प्रकार की सूजन होने पर एक कटोरी में गेहूं का आटा, इमली के पत्ते, इमली का रस, एक चुटकी नमक लेकर उबालें और जब यह लेप तैयार हो जाए तो इसे गर्म रहने पर ही सूजन वाले स्थान पर लगा लें।

10 इमली में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स भी भरपूर मात्रा में होता है, जो मांसपेशियों के विकास के लिए फायदेमंद है। इसमें मौजूद थाइमि‍न नसों के सुचारू रूप से क्रियान्वयन और मांसपेशियों के विकास में मदद करता है।

11 इमली की की छाल का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाने से चेहर की झाइयां धीरे-धीरे कम होने लगती हैं। कान की समस्या होने पर इमली के रस को तेल में मिलाकर कान में डालने से फायदा होता है।

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