इलेक्ट्रॉन साइक्लोट्रॉन अनुनाद
इलेक्ट्रॉन साइक्लोट्रॉन अनुनाद (Electron cyclotron resonance या ECR) नामक परिघटना (phenomenon) प्लाज्मा भौतिकी, संघनित पदार्थ भौतिकी (condensed matter physics) तथा त्वरक भौतिकी देखने को मिलती है। इसमें नियत चुम्बकीय क्षेत्र में गतिमान इलेक्ट्रॉनों द्वारा विद्युतचुम्बकीय तरंगों का अनुनादी अवशोषण होता है। इस नाम में 'साइक्लोट्रॉन' आया है जिसका कारण यह है कि यहाँ इलेक्ट्रान की आवृत्ति का सूत्र वही है जो साइक्लोट्रॉन में होती है।
प्लाज्मा में इलेक्ट्रॉन साइक्लोट्रॉन अनुनाद का उपयोग करके इलेक्ट्रानों की गतिज ऊर्जा में वृद्धि की जाती है जिससे प्लाज्मा की ऊर्जा में वृद्धि होती है और प्लाज्मा का ताप बढ़ जाता है। मुक्त इलेक्ट्रानों का साइक्लोट्रान अनुनाद ही गाइरोट्रॉन (gyrotron) के कार्य करने का आधार है। यही सिद्धान्त मैग्नेट्रॉन (magnetron) के कार्य का भी आधार है। गाइरोट्रॉन और मैग्नेट्रॉन दोनो ही शक्तिशाली माइक्रोवेव जनित्र हैं। इसके अलावा आवेशित कणों के साइक्लोट्रॉन अनुनाद के अनेकों उपयोग हैं।
इन्हें भी देखें
संपादित करें- साइक्लोट्रॉन
- साइक्लोट्रॉन अनुनाद
- सिन्कोट्रॉन (Synchrotron)
सन्दर्भ
संपादित करेंपठनीय
संपादित करें- "Personal Reminiscences of Cyclotron Resonance," G. Dresselhaus, Proceedings of ICPS-27 (2004). This paper describes the early history of cyclotron resonance in its heyday as a band structure determination technique.
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