ईरान का पठार पश्चिमी एशिया और मध्य एशिया का एक भौगोलिक क्षेत्र है। यह पठार अरबी प्लेट और भारतीय प्लेट के बीच में स्थित यूरेशियाई प्लेट के एक कोने पर स्थित है। इसके पश्चिम में ज़ाग्रोस पर्वत, उत्तर में कैस्पियन सागरकोपेत दाग़ (पर्वतमाला), पश्चिमोत्तर में आर्मेनियाई उच्चभूमिकॉकस पर्वतमाला, दक्षिण में होरमुज़ जलसन्धिफ़ारस की खाड़ी और पूर्व में सिन्धु नदी है।[1]

पश्चिमोत्तर में कैस्पियन सागर से लेकर दक्षिणपश्चिम में बलोचिस्तान तक ईरान का पठार लगभग २,००० किमी तक विस्तृत है। ईरानअफ़्ग़ानिस्तान का अधिकतर भाग और पाकिस्तान का सिन्धु नदी से पश्चिम का भाग इसी पठार का हिस्सा है। पठार को एक चकोर के रूप में देखा जाये तो तबरेज़, शिराज़, पेशावर और क्वेटा उसके चार कोनों पर हैं और इसमें कुल मिलाकर ३७,००,००० वर्ग किमी क्षेत्रफल है। पठार कहलाये जाने के बावजूद इस पठार पर वास्तव में कई पर्वतमालाएँ हैं जिनका सबसे ऊँचा शिखर अल्बोर्ज़ पर्वतमाला का ५,६१० मीटर लम्बा दामावन्द पर्वत है और सब्से निचला बिन्दु मध्य ईरान में कर्मान नगर से पूर्व लूत द्रोणी में ३०० मीटर से नीचे स्थित है।[2]

इन्हें भी देखें

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  1. "The Book of Iran: A Survey of the Geography of Iran Archived 2017-10-12 at the वेबैक मशीन," Kiyanoosh Kiyani Haftlang, Alhoda UK, 2003, ISBN 9789649449135
  2. Robert H. Dyson. The archaeological evidence of the second millennium B.C. on the Persian plateau. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-521-07098-8. मूल से 20 फ़रवरी 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 जून 2016.