ईरुला
ईरुला, भारत की एक जनजाति हैं। इरुला लोग भारत के कई भागों के निवासी हैं किन्तु तमिलनाडु के तिरुवलुर जनपद में उनकी अच्छी संख्या है। इस क्षेत्र में उनकी जनसंख्या १००० से २००० के बीच आंकी गयी है। इन्हें भारत के कुछ क्षेत्रों में कालबेलिया प्रजाति के नाम से भी जाना जाता है|
कुल जनसंख्या | |
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213,641[1] (2011 census) | |
विशेष निवासक्षेत्र | |
India | |
तमिलनाडु | 189,621 |
केरल | 23,721 |
कर्नाटक | 10,259 |
भाषाएँ | |
Irula | |
सम्बन्धित सजातीय समूह | |
Soliga, Tamil, Yerukala |
ईरुला यह शब्द तमिल भाषा के ईरुल (=श्याम) शब्द से निकला है। दक्षिण भारत में नीलगिरि की पहाड़ियों पर निवास करनेवाली एक अत्यधिक श्यामवर्ण आदिम जाति का नाम ईरुला है। इसके विपरीत 'बडागा' सबसे सुंदर वर्णवाली आदिम जाति है। ईरुला लोग अपनी बोलचाल में अपभ्रंश तमिल का प्रयोग करते हैं तथा एक प्रकार के विष्णुपूजक हैं। इस जाति में विवाह के समय एक भोज देने के अतिरिक्त अन्य कोई विशेष प्रथा नहीं है। इनके यहाँ मृतकों को गाड़ने की प्रथा है, गाड़ते समय शव को पद्मामसनावस्था में एवं मस्तक को उत्तर की ओर करके रखा जाता है। ये लोग आर्थिक दृष्टि से पिछड़े हुए हैं, किंतु भविष्यवक्ता के रूप में इनका बड़ा आदर होता है।
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- ↑ "A-11 Individual Scheduled Tribe Primary Census Abstract Data and its Appendix". censusindia.gov.in. Government of India. अभिगमन तिथि 28 October 2017.