ईश्वर गुप्ता सेतु
ईश्वर गुप्ता सेतु या कल्याणी सेतु, हुगली और नदिया ज़िले के बीच, हुगली नदी पर निर्मित एक सेतु है। इस सेतु की कुल लम्बाई १.०४ किलोमीटर (०.६५ मील) है, जिसके पूर्वी छोर पे, पश्चिम बंगाल का कल्याणी शहर, और पशिमी छोर पर बाँसबेड़िया स्थित है। इस सेतु द्वारा, नदिया और उत्तर चौबीस परगना ज़िले के संग, बर्धमान, हुगली और बीरभूम ज़िले सड़कमार्ग द्वारा जुड़ते हैं। यह सेतु, कल्याणी गतिमार्ग द्वारा कोलकाता महानगर से जुड़ता है। यह, राष्ट्रीय राजमार्ग-३४ को राष्ट्रीय राजमार्ग-२ से जोड़ता है। इस पुल का उपयोग प्रतिदिन २००० वाहन करते हैं।[1]
ईश्वर गुप्ता सेतु कल्याणी सेतु | |
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निर्देशांक | 22°58′2″N 88°24′27″E / 22.96722°N 88.40750°Eनिर्देशांक: 22°58′2″N 88°24′27″E / 22.96722°N 88.40750°E |
आयुध सर्वेक्षण राष्ट्रीय ग्रिड | [1] |
वहन | वाहन और पदयात्री |
पार | हुगली नदी |
स्थान | बाँसबेड़िया, हुगली जिला, पश्चिम बंगाल, भारत |
आधिकारिक नाम | प्रथम ईश्वर गुप्ता सेतु |
अन्य नाम | कल्याणी सेतु |
नामस्रोत | ईश्वर चन्द्र गुप्ता |
मालिक | PWD |
रखरखाव | पीडब्ल्यूडी, हुगली |
लक्षण | |
डिज़ाइन | सन्तुलित कैण्टिलीवर पुल |
सामग्री | कंक्रीट |
कुल लम्बाई | 1.04 कि॰मी॰ (3,400 फीट) |
इतिहास | |
खुला | 1989 |
निर्माण और इतिहास
संपादित करेंइस ३४०० फ़ीट लंबे पुल का उद्घाटन, वर्ष १९८९ में पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री, ज्योति बसु ने किया था। इसके निर्माण के बाद से यह, कल्याणी एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्ग ३४ के बीच की मुख्य कड़ी है।[1]
आघात
संपादित करेंइस सेतु के निर्माण के २६ साल बाद, वर्ष २०१६ के दिसम्बर महीने की १७ तारीख को इस सेतु के एक गर्डर के धँस जाने के कारण इस सेतु पर वाहनों की आवजाही पर रोक लगा दी गयी थी।[2] पुल एक एक हिस्से को मरम्मत के लिए बंद कर दिया गया था, और दोनों तरफ की ट्रैफिक एक ही हिस्से से गुज़रती थी। मरम्मत के बाद, छोटे और हल्के वाहनों के आवाजाही को अनुमति दे दी गयी, मगर भारी गाड़ियों की आवाजाही अभी भी नियन्त्रित है। तथा इस पुल की लगातार मरम्मत की जाती है।[1]
दूसरी कल्याणी सेतु
संपादित करेंईश्वर गुप्ता सेतु की "उत्तर बंग की सञ्जीवनी" होने की हैसियत और इसकी खराब हालत के मद्देनज़र, पश्चिम बंगाल राजमार्ग निर्माणी प्राधिकरण ने इसके बगल में एक नई सेतु निर्मित करने की योजना तैयार की है। नवीन ससेतु का निर्माणकार्य, २०१८, में शुरू हो गया, और योजनानुसार, इस निर्माण को वर्ष २०२१ तक पूर्ण होने की बात है। यह पुल भारत का पहला तिरछे-स्तम्भ युक्त एनक्लोसेड केबल-स्टेड पुल होगा।[3]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ अ आ इ http://newsfromnadia.in/iswar-gupta-bridge-remain-closed-15-days/
- ↑ "oneindia-bangla". मूल से 10 फ़रवरी 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 अप्रैल 2018.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 6 सितंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 अप्रैल 2018.