जुबली ब्रिज
जुबिली ब्रिज (बांग्ला: জুবিলি ব্রিজ, Jubilee Bridge) भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में हुगली नदी पर नैहाटी और बैण्डेल के बिचा में बना एक रेलवे पुल है जे अब नाकारा हो चुका है और इसके जगह, इसके बगल में ही एक नया पल निर्मित कर दिया गया है, जिसका नाम है सम्प्रीति सेतु। यह पुल हुगली नदी के दोनों छोरों पर स्थित बण्डेल और नैहाटी नगरों को रेलमार्ग के माध्यम से जोड़ती थी।
निर्माण
संपादित करेंजुबिली ब्रिज को 16 फरवरी 1885 में खोला गया था, जोकि महारानी विक्टोरिया के शासन का पचासवाँ (जुबिली) साल था। इसीलिए इसका नाम जुबली ब्रिज रखा गया। इसका निर्माण कार्य १८८२ में सुरू हुआ और १८८५ में निर्माणकार्य सम्पन्न हुआ। लंदन के टावर ब्रिज के इंजीनियर सर जॉन वूल्फ-बैरी के भतीजे, लेफ्टिनेंट कर्नल आर्थर जॉन बैरी, इस निर्माण के मुख्य इंजीनियर थे।[1] ब्रिज का डिजाइन ब्रैडफोर्ड लेज़ली एवं ऍलेक्जेंडर मीडो रैंडेल द्वारा बनाया गया था। जिन्होंने कलकत्ता में पुरानी हावड़ा ब्रिज का डिजाइन भी बनवाया था, जोकि एक तैरने वाला पल था, जिसके जगह १९११ में नया हावड़ा ब्रिज बनाया गया।
जुबिली ब्रिज, एक सेंटीलीवर पुल था जिसे पूर्णतः रिवेटिंग से बनाया गया था, और कहीं भी नट-बोल्ट का इस्तेमाल नहीं किया गया था।
प्रतिस्थापन
संपादित करें१७ अप्रैल २०१६ को १३१४१-तीस्ता तोर्सा एक्सप्रेस इस पल से गुजरने वाली अंतिम ट्रैन थी, जिसके बाद इस पल की सारी ट्रैफिक को नवनिर्मित सम्प्रीति सेतु पर मोड़ दिया गया। इस पल ने कुल १२९ वर्ष तक सेवा दी।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Frederick Arthur Crisp Visitation of England and Wales, Volume 14, London (1906)
बाहरी कड़ी
संपादित करेंJubilee Bridge से संबंधित मीडिया विकिमीडिया कॉमंस पर उपलब्ध है। |
निर्देशांक: 22°54′25.6″N 88°24′16.0″E / 22.907111°N 88.404444°E