उत्क्रम समस्या
सैद्धान्तिक भौतिकी में उत्क्रम समस्या (English : Hierarchy Problem हाइरार्की समस्या) दुर्बल नाभिकीय व गुरुत्व बलों के मध्य विशाल भिन्नता है।[1] भौतिक वैज्ञानिक अभी तक इसको समझा पाने में असमर्थ हैं, जैसे - दुर्बल बल, गुरुत्व से 1032 (१०३२) गुणा प्रबल क्यों हैं।
तकनिकी परिभाषा
संपादित करेंउत्क्रम समस्या सामान्यतः तब आती है जब कुछ लांग्राजियन के मूलभूत प्राचल (युग्मन या द्रव्यमान) प्रायोगिक रूप से मापे गये प्राचलों से बेहद अलग (सामान्यतः विशाल) हों।
हिग्स द्रव्यमान
संपादित करेंकण भौतिकी में सबसे महत्वपूर्ण उत्क्रम समस्या का प्रश्न यह है कि दुर्बल बल, गुरुत्वाकर्षण से 1032 गुणा प्रबल क्यों है। दोनों बल प्रकृति के नियतांको पर आधारित हैं, दुर्बल बल के लिए फर्मी नियतांक तथा गुरुत्वाकर्षण बल के लिए गुरुत्वाकर्षक स्थिरांक।
सैद्धांतिक हल
संपादित करेंअति-सममितिय हल
संपादित करेंअनुकोण हल
संपादित करेंअधि विमिय हल
संपादित करेंब्रानेवर्ल्ड प्रतिमान
संपादित करेंआनुभाविक परख
संपादित करेंब्रह्माण्डिय नियतांक
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 7 मार्च 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 मार्च 2013.