उत्संग एक सतह होती है जो द्विपद के जानु और नितम्ब के मध्य तब बनती है जब वह बैठने या लेटने की स्थिति में होता है। माता-पिता या प्रियजन की उत्संग को बच्चे के बैठने के लिए शारीरिक और मनोवैज्ञानिक रूप से आरामदायक जगह के रूप में देखा जाता है। [1] [2]

18वीं सदी के उत्तरार्ध की डच चित्र जिसमें एक बच्चा अपनी माँ की उत्संग में सो रहा है।

लैप स्टील गिटार एक प्रकार का स्टील गिटार है जिसे बैठकर बजाया जाता है और वाद्य यन्त्र को वादक के जानु के पार क्षैतिज रूप से रखा जाता है। [3] जब टेबल उपलब्ध न हो तो कार्यपूरण हेतु उत्संग एक उपयोगी सतह हो सकती है। [4] लैपटॉप का नाम यह इसलिए रखा गया क्योंकि ऐसा माना जाता था कि इसे प्रयोक्ता की उत्संग (लैंप) में रखकर प्रयोग किया जा सकता है। [5]

  1. Sent Before My Time: A Child Psychotherapist's View of Life on a Neonatal Intensive Care Unit, by Margaret Cohen, 2003, page 108.
  2. Parenting Other People's Children: Understanding and Repairing Reactive Attachment Disorder, by John L. Stoller, 2006, page 214.
  3. Volk, Andy (2003). Lap Steel Guitar. Anaheim, California: Centerstream. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-57424-134-1.
  4. The American Missionary - Volumes 22-24, 1868, page 57: "In the absence of chairs, the floor, (my present location) is not a very bad seat, and one can use their lap for a table if necessary."
  5. The Electrified Mind: Development, Psychopathology, and Treatment in the Era of Cell Phones and the Internet, by Salman Akhtar, 2012, page 9.