उदयनारायण तिवारी
उदयनारायण तिवारी ( -- 28 जुलाई,1984) भारत के एक भाषावैज्ञानिक थे। हिन्दी साहित्य के इतिहास लेखन में जो ऐतिहासिक महत्त्व आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का है, हिन्दी भाषा के ऐतिहासिक एवं तुलनात्मक अध्ययन के क्षेत्र में वही महत्त्व डॉ. उदयनारायण तिवारी का है। डॉ. तिवारी हिन्दी एवं अँगरेजी के अतिरिक्त संस्कृत, पालि, प्राकृत, अपभ्रंश, बंगला, अवेस्ता, पुरानी फारसी के भी विद्वान थे। वे अरबी, ग्रीक, लैटिन आदि भाषाओं के भी ज्ञाता थे।
जीवन परिचय
संपादित करेंहिन्दी में एम.ए. करने के अनन्तर डॉ. तिवारी जी ने कलकत्ता विश्वविद्यालय से सन् 1939 ई. में पालि में तथा सन् 1941 में कम्परेटिव फिलॉलोजी में एम.ए. की उपाधियाँ प्राप्त कर ली थीं। अमेरिका में रहकर आधुनिक भाषा विज्ञान की पद्धति एवं प्रविधि को हृदयंगम कर 30 अगस्त 1959 को भारत लौटे। वे जुलाई 1971 तक जबलपुर विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर हिन्दी एवं भाषा विज्ञान विभाग के प्रोफेसर एवं अध्यक्ष पद पर आसीन रहे।
कृतियाँ
संपादित करें- हिन्दी भाषा का उद्गम और विकास
- भोजपुरी भाषा और साहित्य
- Hindi-English English-Hindi Dictionary
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- मेरे गुरु उदयनारायण तिवारी
- हिन्दी के विकास में भोजपुरी का योगदान -डॉ. उदयनारायण तिवारी