रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जिसे जबलपुर विश्वविद्यालय के नाम से भी जाना जाता है, जबलपुर, मध्य प्रदेश, भारत में एक सरकारी विश्वविद्यालय है। इसका नाम रानी रानी दुर्गावती के नाम पर रखा गया था।। कैम्पस का प्रशासनिक भवन, उद्यान, विश्वविद्यालय का ग्राउंड जहाँ बॉलीबाल, क्रिकेट तथा अन्य खेलों के लिए मशहूर है वही विश्वविद्यालय का प्रकृति का नजारा बेहद सुंदर है विश्वविद्यालय का विधि विभाग कानूनी शिक्षा के लिए अलग से संस्थान है। विश्वविद्यालय के मुख्य भवन में रानी दुर्गावती की प्रतिमा महिला-शक्ति का प्रतीक है। सन १९८३ में मध्य प्रदेश सरकार ने जबलपुर विश्वविद्यालय का नाम बदलकर रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय कर दिया।
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय | |
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चित्र:Rani Durgavati Vishwavidyalaya logo.png | |
स्थापित | 1956 |
प्रकार: | सार्वजनिक |
कुलाधिपति: | मध्य प्रदेश के राज्यपाल |
कुलपति: | प्रो. राजेश कुमार वर्मा |
अवस्थिति: | जबलपुर, मध्य प्रदेश, भारत |
परिसर: | नगरीय |
अन्य नाम: | जबलपुर विश्वविद्यालय |
सम्बन्धन: | यूजीसी |
जालपृष्ठ: | www |
इतिहास
संपादित करेंविश्वविद्यालय का गठन और स्थापना 12 जून 1956 को जबलपुर विश्वविद्यालय अधिनियम, 1956 (1956 का अधिनियम संख्या 22) के तहत, जबलपुर राजस्व जिले के क्षेत्रीय अधिकार वाले क्षेत्र पर हुई थी। यह 1961 में सरस्वती विहार, पचपेड़ी, जबलपुर में अपने वर्तमान स्थान पर स्थानांतरित हो गया।
7 जून 1983 को अधिनियम 1983 के 23 नंबर के तहत विश्वविद्यालय का नाम बदलकर, गढ़ मंडला की प्रसिद्ध शूरवीर गोंड रानी के सम्मान में रानी दुर्गावती विश्व विद्यालय रखा गया। इसका पुनर्गठन एम.पी. १९७३ विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत कर इसके अधिकार क्षेत्र में जबलपुर, मंडला, सिवनी, बालाघाट और नरसिंहपुर, कटनी, डिंडोरी, छिंदवाड़ा आदि भी शामिल कर दिया गया।
कैंपस
संपादित करेंविश्वविद्यालय परिसर 99.63 एकड़ (403,200 मी2) प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यावरण के अनुकूल परिवेश में फैला हुआ है। यहाँ एक प्रशासनिक ब्लॉक, लॉ डिपार्टमेंट, कला संकाय भवन, भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित, योगा, मैनेजमेंट, जैव विज्ञान, प्रणाली विज्ञान और शारीरिक शिक्षा विभागों के शिक्षण और अनुसंधान भवन आदि स्थित है। इसमें एक केंद्रीय पुस्तकालय, कंप्यूटर सेंटर, यूएसआईसी, प्रबंधन संस्थान विश्वविद्यालय, और अन्य सुविधाएं जैसे लड़को और लडिकियों के हॉस्टल, यूनिवर्सिटी हेल्थ सेंटर, यूनिवर्सिटी गेस्ट हाउस, कैंटीन और आवासीय क्वार्टर बने हुए हैं। कैंपस में पोस्ट ऑफिस, बैंक और प्रिंटिंग प्रेस जैसी अन्य सुविधाएं भी हैं। इसलिए, यह कहना संभव है कि विश्वविद्यालय परिसर जबलपुर शहर के भीतर खुद में एक शहर है।
यूजीसी-अकादमिक स्टाफ कॉलेज (डॉ. शंकर दयाल शर्मा भवन) देश में सर्वश्रेष्ठ में से एक है। इसने अब तक 73 अभिविन्यास कार्यक्रम और 195 रिफ्रेशर पाठ्यक्रम संचालित किए हैं। इन पाठ्यक्रमों से 7600 से अधिक शिक्षक लाभान्वित हुए हैं।
उल्लेखनीय शिक्षक और शिक्षाविद
संपादित करें- कुन्जी लाल दुबे - जो बाद में म.प्र. के विधानसभा स्पीकर बने, विश्वविद्यालय के पहले कुलपति थे।
संबद्ध संस्थान
संपादित करेंनिम्न उल्लेखनीय संस्थान जो विश्वविद्यालय मे शामिल हैं:[1]
- लक्ष्मी नारायण कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, जबलपुर
- सेंट एलॉयसियस कॉलेज
- माता गुजरी महिला महाविद्यालय
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "List of colleges affiliated with RDVV" (PDF). rdunijbpin.org (Hindi में). मूल (PDF) से 3 जनवरी 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 January 2018.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)