उर्वर अर्धचंद्र (fertile crescent, फ़र्टाइल क्रॅसॅन्ट) मध्य पूर्व में स्थित एक क्षेत्र है। इस क्षेत्र में अपने आसपास के इलाक़ों की तुलना में धरती उपजाऊ है और सिंचाई के लिए पानी पार्यप्त है। उर्वर अर्धचंद्र के इलाक़े में इराक़ (विशेषकर दजला (टिगरिस) और फ़ुरात (इयुफ़्रेट्स) नदियों के बीच का क्षेत्र), दक्षिण-पश्चिमी ईरान का कुछ भाग, सीरिया, लेबनान, जॉर्डन और इज़राएल शामिल हैं। कभी-कभी मिस्र में नील नदी के इर्द-गिर्द के क्षेत्र को भी इसका हिस्सा माना जाता है।

उर्वर अर्धचंद्र का नक़्शा

कई इतिहासकारों का मानना था के मानवी सभ्यता सबसे पहले इसी क्षेत्र में जन्मी और कृषि का आविष्कार इसी क्षेत्र में हुआ। इस इलाक़े में कई फसलों के पौधे (जैसे के जौ, गेंहू, मटर, दालें, चने, वग़ैराह) जंगली उगते हुए मिलतें हैं। यहाँ मानव के काम आने वाले कई जानवर (जैसे गाय, बकरी, भेड़, सूअर) भी मिलते थे।[1] इसलिए समझा जाता था के खेती-बाड़ी और पशु-पालन यहीं से शुरू हुआ। लेकिन अब माना जाता है के यह अन्य स्थानों पर भी स्वतन्त्र रूप से शुरू हुआ था। फिर भी यहाँ पर 9000 ईसा-पूर्व से मानव बस्तियाँ चली आ रही हैं, इसलिए यह सभ्यता के सब से प्राचीन केन्द्रों में गिना जाता है। नगरीकरण एक सुरक्षित कृषि आधार पर निर्भर करता है। हमें अवश्य ही ध्यान देना चाहिए कि उपजाऊ अर्धचंद्राकार क्षेत्र (Fertile Crescent; लेवांट से ईरान तक चापाकार आकृति में फैला क्षेत्र) के उत्तरी पहाड़ी इलाके बहुत पहले, करीब दस हजार से आठ हजार साल पूर्व, ही खेती और पशुपालन की शुरुआत के साक्षी रहे हैं। परंतु इन इलाकों में नगरों का विकास नहीं हुआ। नगरीय विकास के लिए लोगों को दक्षिणी मेसोपोटामिया के वृहत कछारी मैदानों में आना पड़ा। यह एक क्रमिक आन्दोलन था। सबसे पहले पहाड़ी इलाकों से आधुनिक बग़दाद के इलाके के उत्तरी कछारों में, फिर बड़े पैमाने पर आबादी का कछारी मैदानों के उत्तरी हिस्से से दक्षिणी कछारों की ओर प्रवास की शुरुआत प्रारंभिक-मध्य उरुक काल (4000- 3400 बीसीई) हुई लेकिन प्रभावी रूप से इसकी पहचान प्रौढ़ उरुक काल ( 3400-3200 बीसीई) में ही हुई.

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Diamond, Jared. (March 1997). Guns, Germs, and Steel. W.W. Norton & Company. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-393-03891-2. पाठ "Guns, Germs, and Steel: The Fates of Human Societies " की उपेक्षा की गयी (मदद)