लेबनान

एशिया महाद्वीप में स्थित एक देश

लेबनान (अरबी: لُبْنَان),आधिकारिक रूप से लेबनान गणराज्य, पश्चिमी एशिया में भूमध्य सागर के पूर्वी तट पर स्थित एक देश है। इसके उत्तर और पूर्व में सीरिया और दक्षिण में इसराइल स्थित है। भूमध्य बेसिन और अरब के भीतरी भाग के बीच में सेतु बने इस देश का इतिहास समृद्ध और मिश्रित है। यह भूमि फ़ीनिसियनों की अति-प्राचीन (2500 ईसापूर्व - 539 ईसापूर्व) संस्कृति का स्थल थी जहाँ से लेखन कला के विकास की कड़ी जुड़ी है। इसके बाद फ़ारसी, यूनानी, रोमन, अरब और उस्मानी तुर्कों के कब्जे में रहने के बाद यह फ्रांस के शासन में भी रहा। इसी ऐतिहासिक वजह से देश की धार्मिक और जातीय विविधता इसकी अनूठी सांस्कृतिक पहचान बनाती है।

लेबनान गणराज्य
اَلْجُمْهُورِيَّةُ الْلُّبْنَانِيَّة
ध्वज कुल चिह्न
राष्ट्रगान: "النشيد الوطني اللبناني"
("लेबनान का राष्ट्रगान")
लेबनान की स्थिति
लेबनान की स्थिति
लेबनान की स्थिति
राजधानी
और सबसे बड़ा नगर
बेरूत
33°54′N 35°32′E / 33.900°N 35.533°E / 33.900; 35.533
राजभाषा(एँ) अरबी
बोली जाने वाली भाषआ अरबी (लेबनानी भाषा), फ्रांसिसी, अंग्रेजी, आर्मेनियन
मानवजातीय वर्ग 95% Arab2, 4% Armenian, 1% other
निवासी लेबनानी
सरकार कन्फेशनलिस्ट, लोकतांत्रिक, संसदीय गणराज्य
 -  राष्ट्रपति मिशेल सुलेमान
 -  प्रधानमंत्री साद हरीरी
 -  संसद के अध्यक्ष नबी बेरी
स्वतंत्रता फ्रांस से
 -  घोषणा २६ नवम्बर १९४१ 
 -  मान्यता २२ नंवबर १९४३ 
क्षेत्रफल
 -  कुल १०,४५२ km2 (१६६ वां)
 -  जल (%) १.६
जनसंख्या
 -  २००९ जनगणना ४,२२४,००० (१२४ वां)
सकल घरेलू उत्पाद (पीपीपी) २००९ प्राक्कलन
 -  कुल $५१.४७४ बिलियन (-)
 -  प्रति व्यक्ति $१३,३७४ (-)
मानव विकास सूचकांक (२०१३)Steady ०.७६५[1]
उच्च · ६५वाँ
मुद्रा लेबनानी पाउंड (LBP)
समय मण्डल EET (यू॰टी॰सी॰+२)
 -  ग्रीष्मकालीन (दि॰ब॰स॰) EEST (यू॰टी॰सी॰+३)
दूरभाष कूट ९६१
इंटरनेट टीएलडी .lb
1. ^ Article 11 of the Constitution of Lebanon states that "a law shall determine the cases in which the French language is to be used."[2]
2. ^ Many Christian Lebanese do not identify as Arab, and prefer to be called Phoenician.[3]
बेरुट, लेबनान का एक तटीय भाग

यहाँ 60 प्रतिशत लोग मुस्लिम हैं जिनमें शिया और सुन्नी का लगभग समान हिस्सा है और लगभग 38 प्रतिशत ईसाई। 1943 में फ्रांस से स्वतंत्रता मिलने के बाद यहाँ एक गृहयुद्ध चला था और 2006 में इसराइल के साथ एक युद्ध। यहाँ एक विशेष प्राकर की गणतांत्रिक सरकार का शासन है जिसमें राष्ट्रपति एक ईसाई होता है, प्रधान मंत्री एक सुन्नी मुस्लिम, निव्राचित प्रतिनिधियों की सभा का अध्यक्ष एक शिया मुस्लिम और उप प्रधान मंत्री एक ग्रीक परंपरावादी धर्म का होता है। अरबी यहाँ की सबसे बोले जाने वाली और सांवैधानिक भाषा है।

लेबनॉन की भूमि का इतिहास ईसापूर्व 2500 इस्वी के आसपास की फ़ीनिक संस्कृति से शुरु होता है जो सामुद्रिक शक्ति थे। इन्होंने भूमध्य सागर में स्पेन और अफ़्रीक़ा के तटों पर अपने उपनिवेश बनाए थे जिसमें आधुनिक लीबिया का कार्थेज सबसे प्रसिद्ध है। इन जगहों पर फ़ीनिसियन अपने व्यापार के सिलसिले में बसते भी गए। इन्होंने एक 24 अक्षरों की वर्णमाला बनाई जो आधुनिक कई एशियाई और यूरोपीय वर्णमालाओं की पूर्वज मानी जाती है। इसमें रोमन, ग्रीक, अरबी, हिब्रू, आरामाईक और देवनागरी शामिल हैं। असीरिया तथा बेबीलोन के साम्राज्यों के ये सहायक भी रहे पर इनका रिश्ता उतना सामंजस्यपूर्ण नहीं था।

ईसा के 539 वर्ष पहले जब दक्षिणी ईरान के फ़ार्स प्रांत के एक साम्राज्य के राजकुमार कुरोश (सायसस) ने असीरिया के साम्रज्य को हराकर इस प्रदेश को जीतने के अभियान पर निकला तो फ़ीनिशिया को जीतने के बाद इसे एक क्षत्रप (राज्य) बना दिया गया। इसके बाद इस पर फ़ारसियों का शासन कोई 200 सालों तक रहा। पर पश्चिम में शक्तिशाली हो रहे मेसीडोन के सिकंदर ने 331 ईसापूर्व में इसे जीत लिया। उसके मरने के बाद यह सेल्युकस के प्रदेश का हिस्सा बना। रोमनों ने यूनानियों को सन् 24 ईसापूर्व में हरा दिया जिसके बाद यह रोमनों के शासन काल में आ गया और अगले 6 सदियों तक रहा। इसी दौरान यहाँ ईसाई धर्म का प्रसार हुआ।

मुस्लिम शासन

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अरबों ने इस प्रदेश के उपर सातवीं सदी के उत्तरार्ध में ध्यान दिया जब उमय्यदों की राजधानी पूर्व में दमिश्क़ में बनी। मध्य काल में लेबनॉन क्रूसेड युध्दो में लिप्त रहा। सलाउद्दीन अय्युबी ने इसको ईसाई क्रूसदारों से मुक्त करवाया। में मिस्र के मामलुक शासकों ने लेबनान पर कब्ज़ा कर लिया।उस्मानी तुर्कों ने जब सोलहवीं सदी में भूमध्यसागर के पूर्वी तट पर कब्जा किया तो लेबनान भी सिसली से लेकर कैस्पियन सागर तर फैले औटोमन उस्मानी साम्राज्य का अंग बना। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद यह फ्रांस के शासन में आया। सन १९७५-९० तक यहाँ एक गृहयुद्ध चला जिसका मुख्य कारण - फिलिस्तीन से आए शरणार्थी, अरब-इसरायल युद्ध, ईरान की इस्लामिक क्रांति और धार्मिक टकराव थे।

इन्हें भी देखें

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  1. "2014 Human Development Report Summary" (PDF). संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम. २०१४. पपृ॰ २१–२५. मूल से 29 जुलाई 2016 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि २७ जुलाई २०१४.
  2. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; constitution नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  3. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; cia नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।