उष्णता सम्बन्धी चोट

कुछ दिन के बाद यह अपने आप सही हो जाता है।

उष्णता सम्बन्धी चोटवह चोट होती है जो किसी गर्म चीज के प्रभाव से होती है, जैसे की- गर्म पानी से, आग से, गर्म तेल से, भाप से या किसी भी और गर्म चीज से। सबसे साधारण उष्णता सम्बन्धी चोट आग से जलने के कारण होती है, जो की जले हुए अंग पर घाव कर देती है। सबसे कम ताप्मान जिसपे इंसान जल सकता है वो ४४' होता है। यह वह ताप्मान है जिसपर इंसान को उष्ण से चोट पहुंचती है। जैसे-जैसे ताप्मान बड़ता जाता है वैसे-वैसे उष्णता से पहुंची चोट घातक होती जाती है। अगर अनावृति का ताप्मान ७०' या उससे ज्यादा होता है तो भुत ही कम समय में इंसान जलने लगता है। [1]

हाथ पर उष्णता से हुए चोट

कारण संपादित करें

  1. गरम पानी और भाप से
  2. आग से
  3. अन्य गरम वस्तु

इलाज़ संपादित करें

उष्णता सम्बन्धी चोट को ठीक करने का घेरेलु नुस्का यह है कि जले हुए भाग पर ठंडा पानी डालो और उस पर एंटीसेप्टिक दवाई लगाए। उष्णता सम्बन्धी चोट से हुए जलन और दर्द ऐसीटामीनोफिन लगाने से कम हो जाता है। जले हुए अंग पर कभी भी पानी,घी या कोई अन्य क्रीम नहीं लगनी चाहिए क्यूंकि उससे जलने का घाव अत्यधिक ख़राब हो सकता है। अगर कोई इंसान जल रहा है तो उस इंसान पर कम्बल दल कर आग भुजी जाती है और फिर उसपर पानी डाला जाता है ताकि उस इंसान के शारीर का ताप्मान कम हो सके। [2][3]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Phillip L Rice, Jr.; Dennis P Orgill. "Classification of burns". UpToDate. मूल से 31 अक्तूबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 October 2014.
  2. "Burns". MedlinePlus Medical Encyclopedia. U.S. National Library of Medicine. Retrieved 19 October 2014.
  3. Jump up ^ "Burn Triage and Treatment: Thermal Injuries". Radiation Emergency Medical Management. U.S. Department of Human and Health Resources. Retrieved 19 October 2014