दो भौतिक तंत्र ऊष्मीय संतुलन (thermal equilibrium) में कहें जाते हैं जब उन दोनो के बीच ऊष्मा के लिए पारगम्य मार्ग हो (यानि जिसके द्वारा ऊष्मीय ऊर्जा सहजता से आ-जा सके) लेकिन इसके बावजूद उनके बीच ऊष्मीय ऊर्जा का कोई औसत प्रवाह न हो। कोई भौतिक तंत्र स्वयं अपने भीतर ऊष्मीय संतुलन में तब कहा जाता है जब उसके सभी भागों में तापमान समान हो और समय के साथ परिवर्तित न हो रहा हो।[1][2]

इन्हें भी देखें

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  1. Adkins, C.J. (1968/1983). Equilibrium Thermodynamics, third edition, McGraw-Hill, London, ISBN 0-521-25445-0.
  2. Bailyn, M. (1994). A Survey of Thermodynamics, American Institute of Physics Press, New York, ISBN 0-88318-797-3.