एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन

एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन (Antrix Corporation), भारत सरकार की एक पूर्ण स्वामित्व वाली कम्पनी है, जिसका प्रशासनिक नियन्त्रण अन्तरिक्ष विभाग के पास है।[2] यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संगठन (इसरो) की वाणिज्यिक शाखा है। इस कम्पनी के नाम 'Antrix' का उच्चारण 'अन्तरिक्ष' जैसा भी किया जा सकता है। श्री वी एस हेगड़े इस कम्पनी के चेयरमैन व प्रबन्ध निदेशक हैं।[2]

एंट्रिक्स कारपोरेशन लिमिटेड
कंपनी प्रकारसार्वजानिक क्षेत्र द्वारा अधिग्रहित (पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग)
उद्योग
स्थापित28 सितम्बर 1992; 31 वर्ष पूर्व (1992-09-28)
मुख्यालयअंतरिक्ष भवन कैंपस, न्यू बीईएल रोड के निकट, ,
भारत
प्रमुख लोग
वी.एस. हेगड़े (CMD)
सेवाएँ
आयवृद्धि 1,860.71 करोड़ (US$271.66 मिलियन) (2014-15[1])
परिचालन आय
वृद्धि 325.4 करोड़ (US$47.51 मिलियन) (2014-15)
शुद्ध आय
वृद्धि 205.10 करोड़ (US$29.94 मिलियन) (2014-15)
कुल संपत्तिवृद्धि 2,992.75 करोड़ (US$436.94 मिलियन) (2014-15)
कुल हिस्सेदारीवृद्धि 2,992.75 करोड़ (US$436.94 मिलियन) (2014-15)
मालिकभारत सरकार
मूल कंपनीअंतरिक्ष विभाग
जालस्थलwww.antrix.gov.in

एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड को सितंबर 1992 में अंतरिक्ष उत्पादों, तकनीकी परामर्श सेवाओं और इसरो द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण के वाणिज्यिक दोहन व प्रचार प्रसार के लिए सरकार के स्वामित्व में एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में स्थापित किया गया था। इसका एक अन्य प्रमुख उद्देश्य भारत में अन्तरिक्ष सम्बन्धित औद्योगिक क्षमताओं के विकास को आगे बढ़ाना भी है।

भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन (इसरो) की वाणिज्यिक एवं विपणन शाखा के रूप में एंट्रिक्स, पूरे विश्व में अपने अन्तरराष्ट्रीय ग्राहकों को अन्तरिक्ष उत्पाद और सेवाएं उपलब्ध करा रहा है। सन् 2008 में 950 करोड़ रुपयों का व्यापार करने वाले एंट्रिक्स को भारत सरकार द्वारा 2007-08 "लघु रत्न कंपनी" का दर्जा दिया गया है।

अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस एंट्रिक्स एक ऐसी 'दुकान' है जहां किसी भी अन्तरिक्ष उत्पाद को एक ही छत के नीचे खरीदा जा सकता है। यहां जटिल अन्तरिक्ष यान से लेकर सरल उप-प्रणालियाँ व हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर, संचार, पृथ्वी अवलोकन, वैज्ञानिक मिशनों से संबंधित अनुप्रयोग; अंतरिक्ष संबंधित सेवाएं व सिलसिलेवार सुदूर संवेदन आंकड़े; ट्रांसपॉन्डर लीज सेवा; कार्यकारी प्रक्षेपण वाहन (पीएसएलवी और जीएसएलवी) द्वारा प्रक्षेपण सेवाएं; मिशन समर्थन सेवाओं के अलावा कई प्रकार की परामर्श और प्रशिक्षण सेवाएं भी उपलब्ध हैं।

आज एंट्रिक्स द्वारा ईएडीएस, ऑस्ट्रिम, , इंटेलसेट, अवंती समूह, वर्ल्ड स्पेस, इनमारसैट, वर्ल्ड सैट गुरु, डीएलआर, कारी, यूटेलसैट, ओएचबी सिस्टम्स जैसे विश्व कई प्रतिष्ठित ग्राहकों और यूरोप, मध्य पूर्वी व दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के कई प्रमुख अंतरिक्ष संस्थानों को बहुपयोगी उत्पाद व सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

कंपनी का राजस्व २०१२-१३ में १३०० करोड़ रु था जो कि २०१३-१४ में बढ़कर लगभग १६०० करोड़ हो गया।[2]

एस-बैंड स्पेक्ट्रम घोटाला

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वर्ष 2005 में एंट्रिक्स कॉरपोरेशन निगम ने देवास निगम के साथ उपग्रह के प्रक्षेपण संबंधित समझौता किया। जिसके तहत प्रक्षेपित उपग्रह भारत में वायरलेस, ऑडियो विजुअल, ब्रॉडबैंड और मोबाइल इंटरनेट की सेवा आपूर्ति हेतु संचार नेटवर्क की स्थापना करता की स्थापना करता। किंतु कुछ समय बाद एंट्रिक्स कॉरपोरेशन ने भारत में एस बैंड स्पेक्ट्रम के आवंटन में परिवर्तन का हवाला देते हुए समझौता बीच में ही तोड़ दिया था।

  1. "Isro's commercial arm Antrix revenue up 17% in FY15". Business Standard. मूल से 21 जून 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 जून 2016.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 7 जुलाई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 जुलाई 2014.