एकतारा अथवा इकतारा भारतीय संगीत का लोकप्रिय तंतवाद्य यंत्र है जिसका प्रयोग भजन या सुगम संगीत में किया जाता है। इसमें aake तार लगे होते हैं। भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान और मिस्र के पारंपरिक संगीत में इसका प्रयोग होता है।

एकतारा

इकतारा मूलल्तः भारतीय कवियों तथा घुमक्कड़ गवैयों द्वारा प्रयोग किया जाता था। निचला गुंजयमान यंत्र वे लौकी से बनाते थे, और ऊपर का गला बनाने के लिए बांस का प्रयोग करते थे।[1]

प्रयोग विधि

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एकतारा वादक यंत्र को गले पर पकड़ता है, और फिर तर्जनी अंगुली द्वारा तार को बजाता है।[2] गले के दोनों हिस्सों को दबाने से तार ढीला पड़ता है, इस प्रकार इसकी पिच कम हो जाती है। गर्दन के हर हद तक छिद्र के साथ टोन का स्वरुपन ही एकतारे को अपनी विशिष्ट ध्वनि देता है। यह संकेत देने के लिए कोई निशान या माप नहीं हैं कि किस दबाव से क्या दबाव पैदा होगा, इसलिए कान द्वारा समायोजित किया जाता है।[3]

बाहरी कड़ियाँ

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  1. Miner, Allyn (1999). South Asia: The Indian Subcontinent. Routledge. p. 343. Retrieved 2014-09-07.[मृत कड़ियाँ]
  2. "Ektar". Oxford Music Online. Retrieved 2014-09-18.[मृत कड़ियाँ]
  3. "Ektara". Musical Instruments Archives. Archived from the original on 8 सितंबर 2014. Retrieved 2014-09-15.