एमिली शेंकल
एमिली शेंकल (जर्मन भाषा: Emilie Schenkl, जन्म: 26 दिसम्बर 1910 – मृत्यु: मार्च 1996) भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणी नेता सुभाष चन्द्र बोस की सहयोगी (प्राइवेट सेक्रेटरी) थी जिसके साथ बाद में बोस ने आस्ट्रिया में भारतीय रीति-रिवाज़ से विवाह कर लिया। एमिली और बोस की एकमात्र जीवित सन्तान अनिता बोस फाफ है। जब सुभाष के भाई शरत चन्द्र बोस 1948 में वियेना गये थे तो एमिली ने उनका भावपूर्ण स्वागत किया था। एमिली तो अब नहीं रहीं परन्तु उनकी पुत्री अनिता कभी कभार भारत भ्रमण के बहाने अपने पिता के परिवार जनों से मिलने कोलकाता आ जाती हैं।
संक्षिप्त विवरण
संपादित करेंसन् 1934 में जब सुभाषचन्द्र बोस ऑस्ट्रिया में अपना इलाज कराने हेतु ठहरे हुए थे उस समय उन्हें अपनी पुस्तक लिखने हेतु एक अंग्रेजी जानने वाले टाइपिस्ट की आवश्यकता हुई। उनके एक मित्र ने एमिली शेंकल से उनकी मुलाकात करा दी। एमिली के पिता एक प्रसिद्ध पशु चिकित्सक थे। सुभाष एमिली[1] की ओर आकर्षित हुए और उन दोनों में स्वाभाविक प्रेम हो गया। नाजी जर्मनी के सख्त कानूनों को देखते हुए उन दोनों ने सन् 1942 में बाड गास्टिन नामक स्थान पर हिन्दू पद्धति से विवाह रचा लिया। 29 नवम्बर 1942 को वियेना में एमिली ने एक पुत्री को जन्म दिया।[2] विवाह करके कुछ दिन एमिली के साथ रहने के बाद सुभाषचन्द्र बोस वापस हिन्दुस्तान लौट गये थे। उसके बाद वे नाज़ी जर्मनी में पुन: प्रकट हुए और लगभग तीन साल (अप्रैल 1941 से लेकर फरवरी 1943 तक) वहाँ रहे। इसी दौरान वे एमिली से पुन: मिले। सुभाष ने अपनी पुत्री को पहली बार तब देखा जब वह मुश्किल से चार सप्ताह की थी। उन्होंने उसका नाम अनिता बोस रखा था। अगस्त 1945 में ताइवान में हुई तथाकथित विमान दुर्घटना में जब सुभाष की मौत हुई, उस समय अनिता पौने तीन साल की थी।[3][4] अनिता अभी जीवित हैैं। उनका नाम अनिता बोस फाफ है। वह अपने पिता के परिवार जनों से मिलने कभी-कभी भारत आ जाती हैैं।
युद्ध के दौरान बर्लिन में
संपादित करेंइतिहासकार रोमेन हायेस (अं: Romain Hayes) के अनुसार "जर्मनी के विदेश विभाग ने सुभाषचन्द्र बोस के लिये आलीशान आवास, नौकर-चाकर, रसोइये और ड्राइवर समेत कार की व्यवस्था की हुई थी। एमिली शेंकल बोस के साथ खुलेआम घूमती थी। जर्मन अधिकारी दोनों के सम्बन्धों से भली-भाँति परिचित थे फिर भी उन्होंने कोई रोक नहीं लगायी।"[5] फरवरी 1943 में बोस अपनी बेटी को एमिली के पास छोड़कर जर्मन पनडुब्बी से जापान अधिकृत दक्षिणी एशिया में जा पहुँचे। वहाँ उन्होंने आज़ाद हिन्द फौज़ का गठन किया। सुभाष जापान के सहयोग से हिन्दुस्तान को सीधी सैन्य कार्रवाई करके मुक्त कराना चाहते थे। अपने इस अभियान में वे सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहे थे कि उनका विमान ताइपेई (ताइवान) में 18 अगस्त 1945 को दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इतिहासकारों के अनुसार उस समय सुभाष मंचूरियन पेनिनसुला की ओर जा रहे थे।[6]
बाद का जीवन
संपादित करेंशेंकल द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद अपनी पुत्री अनिता सहित बच तो गयी किन्तु उसे अपने पति सुभाषचन्द्र बोस या उनके परिवार जनों की ओर से न तो कोई सहायता मिली और न ही किसी ने उससे कोई सम्पर्क करने की कोशिश की।[7] शादी के बाद नौ सालों में मुश्किल से शेंकल यही कोई तीन से कम साल तक बोस के साथ रही। इससे उसके दिमाग पर काफी तनाव रहा। लेकिन मुश्किल के दिनों में उसने किसी से कोई शिकायत नहीं की।[8]
युद्ध की समाप्ति के बाद शेंकल ने तारघर में नौकरी करके अपना व अपनी पुत्री का पालन पोषण किया। 1950 और 60 के दशक में सुभाषचन्द्र बोस के परिवार के लोगों ने उसका हालचाल पूछा। इससे उसे काफी कष्ट हुआ। हालांकि सुभाष के भाई शरत चन्द्र बोस जब उससे पहली बार ऑस्ट्रिया मिलने गये तो उसने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया था। शेंकल 1996 तक जीवित रही। उसकी बेटी अनिता के अनुसार शेंकल ने सुभाषचन्द्र बोस के साथ अपने सम्बन्धों को कभी सार्वजनिक नहीं किया। वह अपने पति का नाम गुप्त रखकर ही इस दुनिया से चली गयी।[8]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ क्रान्त, मदनलाल वर्मा (2006). स्वाधीनता संग्राम के क्रान्तिकारी साहित्य का इतिहास. 2 (1 संस्करण). नई दिल्ली: प्रवीण प्रकाशन. पृ॰ 513. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-7783-120-8. मूल से 14 अक्तूबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 नवम्बर 2013.
नेताजी ने ऑस्ट्रिया में एक महिला से शादी भी की थी। उससे उनकी एकमात्र पुत्री अनिता फाफ आज भी जीवित है।
- ↑ Gordon, Leonard A. (1990), Brothers against the Raj: a biography of Indian nationalists Sarat and Subhas Chandra Bose (अंग्रेज़ी में), Columbia University Press, पृ॰ 344-345, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-231-07442-1, मूल से 3 जनवरी 2014 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 1 दिसम्बर 2013,
We know they had a close passionate relationship and that they had a child, Anita, born नवम्बर 29, 1942, in Vienna. ... And we have Emilie Schenkl's testimony that they were married secretly in 1937. Whatever the precise dates, the most important thing is the relationship
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के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद) - ↑ "Netaji's ashes should be immersed in River Ganges, wishes daughter" [नेताजी की अस्थियाँ गंगा नदी में विसर्जित की जायँ - पुत्री की इच्छा] (अंग्रेज़ी में). जी न्यूज़ इण्डिया डॉट कॉम. 03 फ़रवरी 2013. मूल से 17 अक्तूबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 नवम्बर 2013.
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद) - ↑ http://www.rediff.co.in/news/2005/may/11inter1.htm. अभिगमन तिथि 30 नवम्बर 2013 2013.
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद); गायब अथवा खाली|title=
(मदद) - ↑ Hayes 2011, पृ॰ 67.
- ↑ Gordon 1990, पृ॰ 543.
- ↑ Hayes 2011, पृ॰ 144.
- ↑ अ आ Santhanam 2001.
इन्हें भी देखें
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- Letters to Emilie Schenkl, 1934-1942 - सुभाषचन्द्र बोस की पुस्तक
- Gordon, Leonard A. (1990), Brothers against the Raj: a biography of Indian nationalists Sarat and Subhas Chandra Bose, Columbia University Press, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-231-07442-1, मूल से 3 जनवरी 2014 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 1 दिसम्बर 2013 - ए ल्योनार्ड गोर्डन की पुस्तक
- Hayes, Romain (2011), Subhas Chandra Bose in Nazi Germany: Politics, Intelligence and Propaganda 1941-1943, Oxford University Press, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-19-932739-3, मूल से 9 अक्तूबर 2013 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 1 दिसम्बर 2013 - रोमेन हायेस की पुस्तक
- Santhanam, Kausalya (1 मार्च 2001), Wearing the mantle with grace, द हिन्दू, मूल से 3 दिसंबर 2013 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 1 दिसम्बर 2013 - कौशल्या संथानम का लेख (द हिन्दू में)