एम. फ़ारूक़ नाज़की
कश्मीरी कवि
फ़ारूक़ नाज़की (14 फ़रवरी 1940 – 6 फ़रवरी 2024) भारतीय कवि थे। वो भारत के केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर से थे। उन्हें उनकी रचना एक कविता–संग्रह नारहैत्युन कज़ल वनस के लिये उन्हें सन् 1995 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[1] वो दूरदर्शन के निर्देशक भी रहे हैं और इससे पहले रेड़ियो कश्मीर श्रीनगर के भी निर्देशक रहे। वो मीडिया के क्षेत्र में काफी सक्रिय होते हुये वो लेखक का कार्य भी करते थे। उन्होंने सन् 1960 से "डैली मज़दूर" में सम्पादक का काम भी किया। वर्ष 2000 में वो सेवानिवृत्त हुये।[2] वो दो मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला (सन् 1983 और 1990–2002) और उमर अब्दुल्ला (2010) के मीडिया सलाहकार रहे।[3]
फ़ारूक़ नाज़की | |
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सन् 2020 में नाज़की | |
जन्म |
14 फ़रवरी 1940 श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर, भारत |
मौत |
6 फ़रवरी 2024 कटरा, जम्मू, जम्मू और कश्मीर, भारत | (उम्र 83 वर्ष)
पेशा | सार्वजनिक बुद्धिजीवी, कवि, लेखक, ब्राडकास्टर |
बच्चे | रूही नाज़की |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "अकादमी पुरस्कार". साहित्य अकादमी. मूल से 15 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 सितंबर 2016.
- ↑ "Farooq Nazki". rekhta.org.
- ↑ "Farooq Nazki is Govt s Media Consultant". ग्रेटर कश्मीर. 29 जुलाई 2010. मूल से 2010-08-02 को पुरालेखित.
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