घारपुरी मुम्बई से लगभग १२ किलोमीटर दूर समुद्र के मध्य एक छोटा सा द्वीप है, यहाँ बहुत थोड़े से लोग रहते हैं। हाथी की विशाल प्रतिमा यहाँ पहाड़ को खाटकर बनाई गई है। इसे एक अंग्रेज द्वारा खोजा गया था। यहाँ एलीफेंट (हाथी) होने के कारण इसका नाम "एलीफेंटा" नाम से प्रसिद्ध हो गया। यहाँ के मूलनिवासी आदिवासी हैं जो मछली पकड़ कर अपनी आजीविका चलाते हैं। यहां पर स्थित हैं विश्व प्रसिद्ध एलिफेंटा की गुफाएं। इस द्वीप को इस कारण एलिफेंटा द्वीप भी कह दिया जाता है।

इस द्वीप का मूल नाम यहां बने एक अग्रहारपुरी नामक प्राचीन मंदिर से निकला है।