घारापुरी गुफाएँ
घारापुरी गुफाएँ (मराठी: घारापुरीची लेणी; अंग्रेज़ी: एलीफेंटा) भारत में मुम्बई के गेट वे ऑफ इण्डिया से लगभग १२ किलोमीटर दूर स्थित एक स्थल है जो अपनी कलात्मक गुफाओं के कारण प्रसिद्ध है। यहाँ कुल सात गुफाएँ हैं। मुख्य गुफा में २६ स्तंभ हैं, जिसमें शिव को कई रूपों में उकेरा गया हैं। पहाड़ियों को काटकर बनाई गई ये मूर्तियाँ दक्षिण भारतीय मूर्तिकला से प्रेरित है। इसका ऐतिहासिक नाम घारपुरी है। जो कोंकण के मौर्यों की राजधानी भी थी, जिसे विभिन्न रूप से घारापुरी (एलेफंटा साल्सेट, या राजापुरी (जंजीरा के पास) के रूप में पहचाना जाता है।[1] । यह नाम मूल नाम अग्रहारपुरी से निकला हुआ है।[2] एलिफेंटा नाम पुर्तगालियों द्वारा यहाँ पर बने पत्थर के हाथी के कारण दिया गया था।[3] यहाँ हिन्दू धर्म के अनेक देवी देवताओं कि मूर्तियाँ हैं। ये मंदिर पहाड़ियों को काटकर बनाये गए हैं। यहाँ भगवान शंकर की नौ बड़ी-बड़ी मूर्तियाँ हैं जो शंकर जी के विभिन्न रूपों तथा क्रियाओं को दिखाती हैं। इनमें शिव की त्रिमूर्ति प्रतिमा सबसे आकर्षक है। यह मूर्ति २३ या २४ फीट लम्बी तथा १७ फीट ऊँची है। इस मूर्ति में भगवान शंकर के तीन रूपों का चित्रण किया गया है। इस मूर्ति में शंकर भगवान के मुख पर अपूर्व गम्भीरता दिखती है।
घारापुरी गुफाएँ | |
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विश्व धरोहर सूची में अंकित नाम | |
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देश |
![]() |
प्रकार | Cultural |
मानदंड | (i)(iii) |
सन्दर्भ | [[1] 244] |
युनेस्को क्षेत्र | दक्षिण एशिया |
निर्देशांक | 18°58′00″N 72°56′09″E / 18.96667°N 72.93583°E |
शिलालेखित इतिहास | |
शिलालेख | 1987 (11th सत्र) |
विकिमीडिया कॉमन्स पर घारापुरी गुफाएँ से सम्बन्धित मीडिया है। |
दूसरी मूर्ति शिव के पंचमुखी परमेश्वर रूप की है जिसमें शांति तथा सौम्यता का राज्य है। एक अन्य मूर्ति शंकर जी के अर्धनारीश्वर रूप की है जिसमें दर्शन तथा कला का सुन्दर समन्वय किया गया है। इस प्रतिमा में पुरुष तथा प्रकृति की दो महान शक्तियों को मिला दिया गया है। इसमें शंकर तनकर खड़े दिखाये गये हैं तथा उनका हाथ अभय मुद्रा में दिखाया गया है। उनकी जटा से गंगा, यमुना और सरस्वती की त्रिधारा बहती हुई चित्रित की गई है। एक मूर्ति सदाशिव की चौमुखी में गोलाकार है। यहाँ पर शिव के भैरव रूप का भी सुन्दर चित्रण किया गया है तथा तांडव नृत्य की मुद्रा में भी शिव भगवान को दिखाया गया है। इस दृश्य में गति एवं अभिनय है। इसी कारण अनेक लोगों के विचार से एलिफेण्टा की मूर्तियाँ सबसे अच्छी तथा विशिष्ट मानी गई हैं। यहाँ पर शिव एवं पार्वती के विवाह का भी सुन्दर चित्रण किया गया है।[4] १९८७ में यूनेस्को द्वारा एलीफेंटा गुफाओं को विश्व धरोहर घोषित किया गया है।
यह पाषाण-शिल्पित मंदिर समूह लगभग ६,००० वर्ग फीट के क्षेत्र में फैला है, जिसमें मुख्य कक्ष, दो पार्श्व कक्ष, प्रांगण व दो गौण मंदिर हैं। इन भव्य गुफाओं में सुंदर उभाराकृतियां, शिल्पाकृतियां हैं व साथ ही हिन्दू भगवान शिव को समर्पित एक मंदिर भी है। ये गुफाएँ ठोस पाषाण से काट कर बनायी गई हैं।[5] यह गुफाएं नौंवीं शताब्दी से तेरहवीं शताब्दी तक के सिल्हारा वंश (८१००–१२६०) के राजाओं द्वारा निर्मित बतायीं जातीं हैं। कई शिल्पाकृतियां मान्यखेत के राष्ट्रकूट वंश द्वारा बनवायीं हुई हैं। (वर्तमान कर्नाटक में)।
चित्र दीर्घा
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एलीफैंटा गुफाओं में अर्धनारीश्वर की प्रतिमा, जिसमें बांया अंग स्त्री व दायां अंग पुरुष रूप में है। यह दोनों हिन्दू देवी पार्वती व भगवान शिव के रूप हैं।
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वृहत कक्ष: गुफा संख्या १
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प्रवेशद्वार
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Charles D. Collins 1998, p. 12.
- ↑ "अंग्रेज़ी विकि पर एलीफेंटा गुफाएं". Archived from the original on 4 March 2009. Retrieved 4 June 2009.
- ↑ "ऐलिफेंटा : खूबसूरत इतिहास". दिल्ली हरियाणा समय. Archived from the original on 17,2009. Retrieved १ जून २००९.
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and|archive-date=
(help) - ↑ ईश्वरी प्रसाद, पद्मभूषण (जुलाई १९८६). प्राचीन भारतीय संस्कृति, कला, राजनीति, धर्म तथा दर्शन. इलाहाबाद: मीनू पब्लिकेशन, म्योर रोड. p. २१९ से २२०.
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(help); Check date values in:|access-date=
(help)CS1 maint: year (link) - ↑ "Elephanta Caves". Mumbai Net. Archived from the original on 10 August 2005. Retrieved 14 अक्टूबर 2006.
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करेंभारत के किन किन जगह को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थलों की पद दिया है Archived 2024-03-05 at the वेबैक मशीन
India's Treasures: Exploring the Magnificence of UNESCO World Heritage Sites Archived 2024-03-05 at the वेबैक मशीन
- गुफाओं MTDC स्थल का वीडियो
- ऐलीफैंटा गुफाओं के चित्र: हिमांशु सरपोतदार
- - ऐलीफैंटा गुफाओं व महाराष्ट्र के अन्य स्थलों के चित्र
- गुफाओं की जानकारी
- गुफाओं के राष्ट्रकूट स्थापत्य का वर्णन
- टेम्पलनेट- ऐलीफैंटा गुफाएं
- ऐलीफैंटा गुफा मंदिर योजना
- मंदिर की उत्तरी प्रवेश योजना
- अमेरीकी पुरातत्वशास्त्र संस्थान Mumbai's Rough-Hewn Legacy पुरातत्व विज्ञान, 12 फरवरी, 2007।
- गॉड्स नाइट आउट: ऐलीफैंटा गुफाओं को देखने के बाद, एक ब्लॉगकर्ता का लेख