"'ओंकार भावे"' (26 जुलाई,1924 - 23 जुलाई, 2009), विश्व हिन्दू परिषद के अन्तरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष थे।

ओंकार भावे का जन्म उत्तरप्रदेश के आजमगढ़ में 26 जुलाई 1924 को हुआ था। भावे ने प्रयाग विश्वविद्यालय से 1945 में स्नातक की डिग्री ल। बचपन में हीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गये। सन् 1945 में संघ के प्रचारक बनने के साथ हीं घर छोड़ दिया। जीवनदानी प्रचारक बनने के बाद उन्होंने संघ में विभिन्न दायित्वों को पूरा किया। पहले जिला प्रचारक, फिर विभाग प्रचारक और प्रांत प्रचारक रहे। पूर्वी उत्तरप्रदेश के शारीरिक प्रमुख का दायित्व में उन्होंने संभाला। सन् 1995 में वे विहिप के संयुक्त महामंत्री बनाये गये। फिर 2009 में उन्हें विहिप का अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया।

देश में आपातकाल के दौरान हुए आंदोलनों में उन्होंने बढ़-चढ़कर भाग लिया और रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण को लेकर हुए संघर्ष में प्रमुखता से हिस्सा लिया। ओंकार भावे की गिनती राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारकों में होती थी। वे विहिप के शीर्ष नेताओं में थे।

पिछले कुछ दिनों से छाती में कफ की शिकायत थी। पिछले 27 जून 2009 को उन्हें दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन इलाज का उनपर असर नहीं हुआ। आखिर में उन्हें कार्यकर्ता विहिप के दिल्ली कार्यालय ले आए, जहां 23 जुलाई को सुबह सवा ग्यारह बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार यमुना किनारे निगम बोध घाट पर हुआ। 85 वर्षीय भावे अविवाहित थे।

ओंकार भावे को श्रद्धाजलि देने संघ परिवार के कई वरिष्ठ नेता पहुंचे। विहिप के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल, संघ के पूर्व सरसंघचालक के एस सुदर्शन, विहिप के उपाध्यक्ष गिरिराज किशोर ने उन्हें अपना मार्गदर्शक, सहयोगी और कुशल संगठनकर्ता बताया।