ओम पर्वत
ओम पर्वत, 6191 मीटर की ऊंचाई पर हिमालय पर्वत श्रृंखला के पहाड़ों में से एक है। यह पर्वत नाबीडागं से देखा जा सकता है। (ओम पर्वत पर चढ़ना आज तक संभव नहीं हो पाया है।) नाबीडांग से कुट्टी गांव होते हुए आप लिटिल कैलाश, आदि कैलाश,बाबा कैलाश जोकि जोंगलिंगकोंग के नाम से प्रचलित स्थान पर स्थित है हम जा सकते हैं। दूसरी तरफ लिपुलेख दर्रा होते हुए हम तिब्बत में स्थिति कैलाश मानसरोवर भी जा सकते हैं। एक प्रकार से यह स्थान कैलाश और आदि कैलाश के बीच में स्थित है। ये स्थान नेपाल - तिब्बत सीमा के पास में स्थित है जो एक शानदार दृश्य प्रदान करता है। यहाँ आने वाले यात्री इस स्थान से अन्नपूर्णा की विशाल चोटियों को भी देख सकते हैं।यह स्थान धारचूला के निकट है।[2]
ओम पर्वत, नेपाल | |
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उच्चतम बिंदु | |
ऊँचाई | 6,191 मी॰ (20,312 फीट) |
उदग्रता | 5,590 मी॰ (18,340 फीट) [1] |
निर्देशांक | 30°12′00″N 81°15′00″E / 30.2000°N 81.2500°Eनिर्देशांक: 30°12′00″N 81°15′00″E / 30.2000°N 81.2500°E |
भूगोल | |
मातृ श्रेणी | हिमालय |
महात्म्य
संपादित करेंइस पहाड़ पर बर्फ के बीच 'ओम' या 'ॐ' शब्द का आकार दिखता। इसी कारण इस स्थान का नाम ओम पर्वत पड़ा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, हिमालय पर कुल 8 प्राकृतिक ओम की आकृतियां बनी हुई हैं। इनमें से अबतक केवल ओम पर्वत की ही आकृति के बारे में पता चल सका है।[3]ये चोटी हिंदू धर्म के अलावा बौद्ध और जैन धर्म में भी विशेष धार्मिक महत्व रखती है। इस पर्वत के दूसरी तरफ पार्वती मुहर नाम का एक पहाड़ है जो इसी नाम के एक दर्रे से जुड़ा हुआ है। ओम् पर्वत को लेकर भारत और नेपाल के बीच सीमा विवाद है। दोनों देश इस पर्वत के पास सीमा रेखा को लेकर सहमत नहीं है। पर पहाड़ पर 'ऊँ' भारत की ओर दिखता है जबकि इसका पृष्ठ भाग नेपाल की ओर पड़ता है।
ओम पर्वत और आदि कैलाश
संपादित करेंओम पर्वत से आदि कैलाश की यात्रा लगभग 26 किलोमीटर है। ओम पर्वत नाभीदांग से दर्शनीय है। नाभि दांग से कुट्टी गांव होते हुए जौलीकांग जाने पर आदि कैलाश के दर्शन प्राप्त होते हैं।।[4] भारत से कैलाश-मानसरोवर की यात्रा पर जाने वाले यात्री लिपुलेख दर्रे के नीचे बने शिविर से इस पर्वत के दर्शन कर सकते हैं। कई यात्री ओम पर्वते के दर्शन के लिए नाभिधांग कैंप का रास्ता पकड़ते हैं।[5] [6][4]
पर्वतारोहण के प्रयास
संपादित करेंकई पर्वतारोहियों के दल इस पर्वत की चोटी पर पहुंचने का प्रयास कर चुके हैं। इस संबन्ध में सबसे पहला ब्रिटिश और भारतीय पर्वतारोहियों के संयुक्त दल ने किया था। दल ने इस पर्वत की धार्मिक मान्यता का सम्मान करते हुए शिखर से 30 फीट पहले ही रुक जाने का फैसला किया था लेकिन मौसम खराब हो जाने की वजह से इस दल को चोटी से 660 पहले ही लौट आना पड़ा।[7]8 अक्टूबर 2008 को एक दूसरे दल ने इस पर्वत के शिखर पर चढ़ने का प्रयास किया और शिखर के प्रति सम्मान दिखाते हुए ये दल चोटी से कुछ मीटर पहले ही लौट आया।
कैलाश-मानसरोवर यात्रा मार्ग
संपादित करेंधारचुला के रास्ते कैलाश-मानसरोवर की यात्रा पर जाने वाले तीर्थ-यात्रियों को रास्ते में ओम पर्वत के दर्शन होते हैं।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ _nordwest.htm "Nepal Nordwest" जाँचें
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मान (मदद). Gurans Himal (जर्मन में). अभिगमन तिथि 16 October 2021.[मृत कड़ियाँ] - ↑ American Alpine Journal, 2003, pp. 365-366. Available at AAJ Online (PDF) Archived 27 सितंबर 2007 at the वेबैक मशीन
- ↑ "इस पर्वत पर माना जाता है शिव का वास". bhaskar.com. 26 दिसंबर 2017. मूल से 29 दिसंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 नवंबर 2017.
- ↑ अ आ "Peakware - Om Parvat". मूल से 6 अप्रैल 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 नवंबर 2017.
- ↑ "AsiaNews - Borderline blues". मूल से 28 अप्रैल 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 नवंबर 2017.
- ↑ "Moran-Mountain.co.uk Little Kailash expedition 2012". मूल से 4 फ़रवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 नवंबर 2017.
- ↑ "कई पर्वतारोहियों ने इसे फतह करने का किया प्रयास". patrika.com. 24 जून 2015. मूल से 31 जुलाई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 नवंबर 2017.