कक्कानादन
भारतीय लेखक
जॉर्ज वर्गीज कक्कानादन ('कक्कानादन' उपनाम से लोकप्रिय, मलयालम: ജോര്ജ്ജ് വര്ഗ്ഗീസ് കാക്കനാടന്; 23 अप्रैल 1935 – 19 अक्टूबर 2011), भारत के केरल राज्य से मलयालम भाषा के कथाकार, उपन्यासकार और लेखक थे। उन्हें मलयालम साहित्य में 'आधुनिकतावादी साहित्य' की नींव रखने का श्रेय जाता है। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार और केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार के साथ-साथ कई अन्य महत्वपूर्ण पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुये हैं।[3] इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह जाप्पाण पुकयिला के लिये उन्हें सन् 2005 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[4]
कक्कानादन | |
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जन्म | 23 अप्रैल 1935[1] Thiruvalla, Travancore (now in Kerala, India) |
मौत | 19 अक्टूबर 2011[2] Kollam, Kerala, India | (उम्र 76 वर्ष)
पेशा | लेखक |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
विधा | कथाकार, उपन्यासकार |
आंदोलन | Modernism |
खिताब |
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सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Eminent Malayalam writer Kakkanadan passes away". Jagranjosh.com. Retrieved 4 July 2013.
- ↑ "Malayalam writer Kakkanadan dead". The Hindu. 20 October 2011. अभिगमन तिथि 10 June 2013.
- ↑ "Kakkanadan not elated at winning award" [कक्कानादन पुरस्कार पाने पर उत्साहित नहीं]. दि हिन्दू (अंग्रेज़ी में). 25 दिसम्बर 2005. मूल से 3 नवंबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 जुलाई 2014.
- ↑ "अकादमी पुरस्कार". साहित्य अकादमी. मूल से 15 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 सितंबर 2016.
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