कटघोरा
कटघोरा (Katghora) भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के कोरबा ज़िले में स्थित एक नगर है। यह इसी नाम की तहसील का मुख्यालय भी है। कटघोरा ज़िला मुख्यालय, कोरबा से 26 किमी उत्तर में तथा राज्य की राजधानी, रायपुर, से 196 किमी दक्षिण में स्थित है।[1][2]
कटघोरा Katghora | |
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निर्देशांक: 22°30′N 82°33′E / 22.50°N 82.55°Eनिर्देशांक: 22°30′N 82°33′E / 22.50°N 82.55°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | छत्तीसगढ़ |
ज़िला | कोरबा ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 22,690 |
भाषा | |
• प्रचलित | हिन्दी, छत्तीसगढ़ी |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
भूगोल
संपादित करेंकटघोरा की स्थिति 22°30′N 82°33′E / 22.5°N 82.55°E पर है। यहां की औसत ऊंचाई है ३१२ मीटर (१०२३ फुट) है।[3]
प्रमुख आकर्षण
संपादित करेंकोसगईगढ़
संपादित करेंकोरबा - कटघोरा रोड पर पुटका पहाड़ की चोटी पर स्थित कोसगईगढ़ बहुत खूबसूरत है। यह समुद्र तल से 1570 मी. की ऊंचाई पर स्थित है। इसका निर्माण कोरबा के राजा ने कराया था। कोसगईगढ़ में एक खूबसूरत किला है। इसका प्रवेश द्वार एक गुफा की भांति है और यह इतना संकरा है कि इसमें से एक बार में केवल एक व्यक्ति गुजर सकता है। आक्रमण के समय सैनिक इस किले से दुश्मनों पर पत्थरों से आक्रमण करते थे। किले के चारों तरफ घना जंगल है, जिसमें अनेक प्रजाति के वन्य पशु-पक्षियों को देखा जा सकता है। कोसगईगढ़ में पर्यटक किले के अलावा भी अनेक ऐतिहासिक अवशेषों देख सकते हैं।
मड़वारानी
संपादित करेंकोरबा के मुख्यालय से 22 कि॰मी॰ की दूरी पर कोरबा-चांपा रोड पर सुन्दर मड़वारानी मन्दिर स्थित है। यह मन्दिर एक चोटी पर बना हुआ है और मड़वारानी देवी को समर्पित है। स्थानीय निवासी के अनुसार सितम्बर -अक्टूबर में नवरात्रों में यहां पर कल्मी के वृक्ष के नीचे ज्वार उगती है। नवरात्रों में यहां पर स्थानीय निवासियों द्वारा भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में स्थानीय निवासियों के साथ पर्यटक भी बड़े उत्साह से भाग लेते हैं।
चैतुरगढ़
संपादित करेंचैतुरगढ़ को लाफागढ़ के नाम से भी जाना जाता है। यह 3060 मी. ऊंचे पहाड़ पर बसा हुआ है और कोरबा से 70 कि॰मी॰ की दूरी पर स्थित है। इसका निर्माण राजा पृथ्वी देव ने कराया था। यह एक किले जैसा लगता है। इसमें तीन प्रवेश द्वार हैं। इन प्रवेश द्वारों के नाम मेनका, हुमकारा और सिम्हाद्वार हैं। मन्दिर के पास खूबसूरत शंकर गुफा भी है, जो लगभग 25 फीट लंबी है। गुफा का प्रवेश द्वार बहुत छोटा है। इसलिए पर्यटकों को गुफा में प्रवेश करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। मन्दिर और गुफा देखने के अलावा पर्यटक इसकी प्राकृतिक सुन्दरता की झलकियां भी देख सकते हैं। वह यहां पर पर वन्य पशु-पक्षियों को देख सकते हैं।
आवागमन
संपादित करें- वायु मार्ग
मुम्बई, भोपाल, नागपुर और खजुराहो से रायपुर हवाई अड्डे तक प्रतिदिन वायु सेवा है। रायपुर से पर्यटक आसानी से कोरबा तक पहुंच सकते हैं।
- सड़क मार्ग
अम्बिकापुर से सिमगा जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 130 और चम्पा, छत्तीसगढ़ जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 149बी यहाँ से गुज़रते हैं। कटघोरा न्यायधानी बिलासपुर और राजधानी रायपुर से जुडा हुआ है। इसके एक तरफ कोरबा व एक तरफ अमरकन्टक पेन्ड्रा है।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Inde du Nord - Madhya Pradesh et Chhattisgarh Archived 2019-07-03 at the वेबैक मशीन," Lonely Planet, 2016, ISBN 9782816159172
- ↑ "Pratiyogita Darpan Archived 2019-07-02 at the वेबैक मशीन," July 2007
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 31 अगस्त 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 जुलाई 2013.