कटहल
कटहल या फनस (वानस्पतिक नाम : औनतिआरिस टोक्सिकारीआ (Antiaris Toxicaria)) का वृक्ष शाखायुक्त, सपुष्पक तथा बहुवर्षीय वृक्ष है। यह दक्षिण एशिया तथा दक्षिण-पूर्व एशिया का देशज वृक्ष है। पेड़ पर होने वाले फलों में इसका फल विश्व में सबसे बड़ा होता है।[1] फल के बाहरी सतह पर छोटे-छोटे काँटे पाए जाते हैं। इस प्रकार के संग्रन्थित फल को सोरोसिस कहते हैं।[2]
![](http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/c/c5/Jackfruit_tree_with_fruit.jpg/300px-Jackfruit_tree_with_fruit.jpg)
![](http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/c/cd/%E0%A4%AB%E0%A4%A3%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%9A%E0%A5%87_%E0%A4%97%E0%A4%B0%E0%A5%87.jpg/300px-%E0%A4%AB%E0%A4%A3%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%9A%E0%A5%87_%E0%A4%97%E0%A4%B0%E0%A5%87.jpg)
![](http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/d/dd/Jackfruit_in_Nepal.jpg/300px-Jackfruit_in_Nepal.jpg)
कटहल बांग्लादेश और श्रीलंका का राष्ट्रीय फल है, जबकि भारतीय राज्यों केरल और तमिलनाडु में भी इसे राज्य फल का दर्जा दिया गया है। यह भारत की मूल उपज है, विशेषकर महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल राज्य में, जहां इसकी खेती 3,000 से 6,000 साल पहले से की जा रही है।
कटहल के पत्ते १० सेमी से लेकर २० सेमी लम्बे कुछ चौड़े , किंचित अंडाकार और किंचित कालापनयुक्त हरे रंग के होते हैं। कटहल में पुष्प स्तम्भ और मोटी शाखाओं पर लगते हैं। पुष्प ५ सेमी से लेकर १५ सेमी तक लम्बे , २-५ सेमी गोल अंडाकार और किंचित पीले रंग के होते हैं। इसके फल बहुत बड़े-बड़े लम्बाई युक्त गोल होते हैं। उसके उपर कोमल कांटे होते हैं। फल लगभग २० किलो भार वाला होता है। कटहल के बीज बीज की मींगी वीर्यवर्धक , वात , पित्त तथा कफ नाशक होती है। मंदाग्नि रोग वालों को कटहल खाना छोड़ देना चाहिए।
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Know and Enjoy Tropical Fruit: Jackfruit, Breadfruit & Relatives". मूल से 18 जनवरी 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 जनवरी 2009.
- ↑ "जानिए कटहल खाने के 7 अनूठे फायदे". aajtak. मूल से 15 अक्तूबर 2017 को पुरालेखित.