फल
निषेचित, परिवर्तित एवं परिपक्व अंडाशय को फल कहते हैं। साधारणतः फल का निर्माण फूल के द्वारा होता है। फूल का स्त्री जननकोष अंडाशय निषेचन की प्रक्रिया द्वारा रूपान्तरित होकर फल का निर्माण करता है। कई पादप प्रजातियों में, फल के अंतर्गत पक्व अंडाशय के अतिरिक्त आसपास के ऊतक भी आते है। फल वह माध्यम है जिसके द्वारा पुष्पीय पादप अपने बीजों का प्रसार करते हैं, हालांकि सभी बीज फलों से नहीं आते।[1]
किसी एक परिभाषा द्वारा पादपों के फलों के बीच में पायी जाने वाली भारी विविधता की व्याख्या नहीं की जा सकती है।[2] छद्मफल (झूठा फल, सहायक फल) जैसा शब्द, अंजीर जैसे फलों या उन पादप संरचनाओं के लिए प्रयुक्त होता है जो फल जैसे दिखते तो है पर मूलत: उनकी उत्पप्ति किसी पुष्प या पुष्पों से नहीं होती। कुछ अनावृतबीजी, जैसे कि यूउ के मांसल बीजचोल फल सदृश होते है जबकि कुछ जुनिपरों के मांसल शंकु बेरी जैसे दिखते है। फल शब्द गलत रूप से कई शंकुधारी वृक्षों के बीज-युक्त मादा शंकुओं के लिए भी होता है।[3]
वनस्पतिक फल व सब्जियां
वनस्पतिक अर्थ के कुछ वास्तविक फलों, को खाना पकाने और भोजन तैयार करने में, सब्जी, मात्र इसलिए माना जाता है क्योंकि वे मीठे नहीं होते। इन वनस्पतिक फलों मे कूष्माण्ड (जैसे, स्क्वैश, कद्दू और खीरा), टमाटर, मटर, सेम, मक्का, बैंगन और मीठी मिर्च, कुछ मसाले जैसे, ऑलस्पाइस और मिर्च वनस्पतिक फल हैं।[4] कभी कभी, लेकिन बहुत कम, एक पाक्य (भोजन पकाने संबंधी) "फल" वनस्पतिक अर्थ मे एक वास्तविक फल नहीं होता, उदाहरण के लिए रेवतचीनी को अक्सर एक फल माना जाता है क्योंकि इसका उपयोग मिष्ठान बनाने मे किया जाता है, हालाँकि रेवतचीनी का सिर्फ डंठल (पर्णवृंत) ही खाने योग्य होता है।[5] पाक संबंधी अर्थ में, एक फल आमतौर पर एक वनस्पति उत्पाद होता है जिसका स्वाद मीठा होता है और इसमे बीज होते हैं, एक सब्जी एक फीका या कम मीठा वनस्पति उत्पाद है और एक गिरी एक कठोर तेलयुक्त और खोलयुक्त वनस्पति उत्पाद है।[6]
हालांकि, गिरी फल का एक प्रकार है, यह मूँगफली और पिस्ता जैसे खाद्य बीजों के लिए एक लोकप्रिय शब्द (जो वास्तव में एक फली है) भी है।[7] तकनीकी तौर पर, एक अनाज का एक दाना भी एक फल है जिसे कैरिओप्सिस कहा जाता है हालांकि, इनकी फल भित्ति बहुत पतली होती है और बीज कोट से जुड़ी होती है इस तरह लगभग सभी खाद्य अनाज दाने वास्तव में एक बीज होते है। इसलिए अनाज के दाने जैसे मक्का, गेहूँ और चावल को बेहतर, खाद्य बीज माना जाता है, हालांकि कुछ संदर्भों मे इन्हें फल माना जाता है।[8]
फल का विकास
फल एक परिपक्व अंडाशय है। अंडाशय के अंदर एक या अधिक बीजाण्ड होते हैं, जहां मैगागैमीटोफाइट मे मैगागैमीट या अंड कोशिकायें होती है।[9] बीजाण्ड एक प्रक्रिया जिसे परागण कहते हैं, द्वारा निषेचित होता है, इस प्रक्रिया मे पराग कण पुष्पों के पुंकेसर से वर्तिकाग्र को संचारित होते हैं। परागण के बाद, एक नलिका बनती है जो वर्तिकाग्र से अंडाशय के बीजाण्ड तक जाती है जहाँ पराग से शुक्राणु बीजाण्ड में स्थानांतरित होते हैं, बीजाण्ड के अंदर शुक्राणु अंड के साथ जुड़कर एक डिपलॉइड ज़ाइगॉट की रचना करते हैं। पुष्पी पादपों मे निषेचन की प्रक्रिया दोनों प्लास्मोगैमी जहाँ शुक्राणु और अंडे के प्रोटोप्लाज़्म का संलयन होता है, या कैरिओगैमी जहाँ शुक्राणु और अंडे के नाभिक का मिलन होता है, के द्वारा हो सकती है।[10] जब शुक्राणु बीजाण्ड के नाभिक में प्रवेश कर मैगागैमीट और भ्रूणपोष (एंडोस्पर्म) मातृ कोशिका के साथ जुड़ जाता है तब निषेचन प्रक्रिया पूरी हो जाती है।[11] जैसे जैसे विकासशील बीज बड़ा होता है अंडाशय का परिपक्वन शुरू होता जाता है। बीजाण्ड का विकास बीज के रूप में होने लगता है, अंडाशय की दीवार गद्देदार बन सकती है (जैसे ड्रुप बेरी), या यह एक कठोर बाहरी आवरण मे विकसित हो सकती है। कुछ मामलों में, बाह्यदल (सेपल), दल (पंखुड़ी या पेटल) और/या पुंकेसर और वर्तिका झड़ जाते हैं। जब तक बीज पूरी तरह परिपक्व नहीं हो जाते, फल का विकास जारी रहता है। कुछ बहु बीजी फलों में गूदे का विकास इस बात पर निर्भर करता है कि कितने बीजाण्ड निषेचित हुये हैं।[12]
फल भित्ति, पुष्प के अंडाशय की दीवार से विकसित होती है। फल भित्ति अक्सर दो या तीन अलग अलग परतों में विकसित होती है जिन्हें क्रमश: बाह्यफल भित्ति (बाहरी परत), मध्यफल भित्ति (मध्यम परत) और अंत:फल भित्ति (भीतरी परत) मे विभेदित किया जा सकता है।
कुछ फल में, विशेष रूप से साधारण फल एक अवर अंडाशय से विकसित होते हैं, पुष्प के अन्य भाग जैसे पुष्प नलिका, दल, बाह्यदल और पुंकेसर के अंडाशय के साथ जुड़ कर इसी के साथ पकते हैं। हार्मोन इथाइलीन परिपक्वण का कारण बनता है। जब पुष्प के अन्य भाग इस तरह फल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनते हैं, तब फल को सहायक फल कहा जाता है।[3] क्योंकि पुष्प के अन्य भाग फल की संरचना में योगदान कर सकते है इसलिए, इसे समझने के लिए पुष्पों की संरचना का अध्ययन करना महत्वपूर्ण है कि कैसे यह एक फल के रूप मे विकसित होता है।
फलों की विविधता के देखते हुये सभी ज्ञात फलों के लिए किसी एक वर्गीकरण योजना का बनाना बहुत कठिन है। बीज और फल के लिए कई सामान्य शब्द गलत रूप से प्रयुक्त होते हैं जो इसकी शब्दावली को समझना मुश्किल बना सकते हैं। बीज परिपक्व बीजाण्ड हैं, फल परिपक्व अंडाशय हैं जिनमे बीज शामिल हैं। इन दो मूल परिभाषाओं मे यह स्पष्टीकरण भी जोड़ा जा सकता है कि वनस्पति शब्दावली में एक गिरी आम शब्दावली के विपरीत न तो एक फल का एक प्रकार है और न ही बीज का।[4]
फल के प्रकार
फल के तीन बुनियादी प्रकार हैं: साधारण फल, गुच्छेदार फल और बहुखण्डित फल।
साधारण फल
एक साधारण या मिश्रित अंडाशय जिसमे सिर्फ एक पुंकेसर हो के पकने पर एक साधारण फल प्राप्त होता है जो सूखा या गूदेदार हो सकता है। सूखे मेवे पकने पर या स्फोटक (फट कर बीज निकालना) या अस्फोटक (न फटना जिससे बीज अन्दर ही रहते हैं) हो सकते हैं। सूखे और सामान्य फल के उदाहरण हैं: वह फल जिनमें फल भित्ति का कुछ भाग या पूरी भित्ति ही पक्वन पर मांसल (गूदेदार) हो जाती है, सामान्य गूदेदार फल कहलाते हैं।
गुच्छेदार फल
यह फल एक ही पुष्प जिसमे कई साधारण पुंकेसर हो, से विकसित होते हैं। इनका उदाहरण है रसभरी।
बहुखण्डित फल
एक बहुखण्डित फल, फूलों के एक समूह (एक पुष्पक्रम) से गठित होता है। हर फूल एक फल का निर्माण करता है लेकिन यह सब एक एकल पिंड के रूप मे परिपक्व होते हैं। इनके उदाहरण हैं, अनन्नास, खाद्य अंजीर, शहतूत, ओसज-संतरे और रोटीफल।
बीजरहित फल
बीजरहित या बीजविहीन होना कुछ फलों की एक महत्वपूर्ण व्यवसायिक विशेषता है। केले और अन्ननास की व्यवसायिक किस्में बीजरहित फलों के उदाहरण हैं। निम्बू-वंशी कुछ फलों की किस्में (विशेषकर नाभि संतरे), सत्सुमास, चीनी संतरे, चकोतरे और तरबूज़ का बीजरहित होना इनकी कीमत बढ़ा देता है। कुछ प्रजातियों में, बीजविहीनता पार्थेनोकार्पी का परिणाम होती है, जहां फल बिना निषेचन प्रक्रिया के ही गठित होता है। पार्थेनोकर्पिक फल वह फल होते हैं जो बिना परागण के भी गठित हो सकते हैं। अधिकांश बीजरहित खट्टे फलों को परागण प्रेरणा की आवश्यकता होती है, जबकि केले और अन्ननास को बिल्कुल नहीं।
बीजों का प्रसार
फलों के ढांचे में बदलाव मुख्यतः उनके बीजों के प्रसार के तरीके पर निर्भर करता है। यह प्रसार पशुओं, हवा, पानी, या विस्फोटी स्फुटन द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।[13]
फल और पोषण
आमतौर पर फलों मे रेशे, पानी और विटामिन सी अच्छी मात्रा मे उपस्थित रहते हैं। फलों मे कई पादपरसायन (फाइटोकैमिकल) भी होते हैं जिनकी अधिकतर पोषण तथ्यतालिकाओं के अंतर्गत RDA / RDI लिस्टिंग नहीं होती है और अनुसंधान बताते हैं कि यह कोशिकाओं को एक लंबे-समय तक स्वस्थ रखने और बीमारियों की रोकथाम के लिए आवश्यक हैं। फलों का नियमित सेवन कैंसर, हृदय रोग, पक्षाघात, अल्ज़ाइमर रोग और मोतियाबिंद के जोखिम को कम कर देता है, साथ ही यह बढ़ती उम्र से जुड़ी कार्यात्मक गिरावट को रोकने मे भी मददगार हैं।
उत्पादन
दस चोटी के ताजे फलोत्पादक देश— 2005 | ||||
---|---|---|---|---|
देश | उत्पादन (Int $1000) | फुटनोट | उत्पादन (MT) | फुटनोट |
भारत | 1,052,766 | C | 6,600,000 | F |
वियतनाम | 438,652 | C | 2,750,000 | F |
चीनी जनवादी गणराज्य | 271,167 | C | 1,790,000 | F |
इण्डोनेशिया | 255,216 | C | 1,600,000 | F |
नाईजीरिया | 223,314 | C | 1,400,000 | F |
ईरान | 223,314 | C | 1,400,000 | F |
म्यान्मार | 183,436 | C | 1,150,000 | F |
पापुआ न्यू गिनी | 129,203 | C | 810,000 | F |
नेपाल | 82,945 | C | 520,000 | F |
उत्तरी कोरिया | 78,160 | C | 490,000 | F |
कोई प्रतीक नहीं = आधिकारिक आंकड़े, F = FAO अनुमानितः, * = अनाधिकारिक आंकड़े, C = गणनित आंकड़े; Int $1000 मे उत्पादन की गणना 1999-2001 के अन्तर्राष्ट्रीय मूल्यों पर आधारित है स्रोत: संयुक्त राष्ट्र का खाद्य और कृषि संगठन: आर्थिक और सामाजिक विभागः सांख्यकीय शाखा |
दस चोटी के ताजे उष्णकटिबंधीय फलोत्पादक देश — 2005 | ||||
---|---|---|---|---|
देश | उत्पादन (Int $1000) | फुटनोट | उत्पादन (MT) | फुटनोट |
फ़िलीपीन्स | 389,164 | C | 3,400,000 | F |
इण्डोनेशिया | 377,718 | C | 3,300,000 | F |
भारत | 335,368 | C | 2,930,000 | F |
चीनी जनवादी गणराज्य | 177,413 | C | 2,164,000 | F |
कोलम्बिया | 131,629 | C | 1,150,000 | F |
थाईलैण्ड | 83,556 | C | 730,000 | F |
पाकिस्तान | 60,893 | C | 532,000 | F |
ब्राज़ील | 55,513 | C | 485,000 | F |
बांग्लादेश | 31,934 | C | 279,000 | F |
मेक्सिको | 28,615 | C | 250,000 | F |
कोई प्रतीक नहीं = आधिकारिक आंकड़े, F = FAO अनुमानितः, * = अनाधिकारिक आंकड़े, C = गणनित आंकड़े; Int $1000 मे उत्पादन की गणना 1999-2001 के अन्तर्राष्ट्रीय मूल्यों पर आधारित है |
ये भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ Lewis, Robert A. (January 1, 2002). कृषि विज्ञान का सी आर सी शब्दकोश. CRC Press. पपृ॰ 375–376. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-8493-2327-4. मूल से 22 जुलाई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 जनवरी 2009.
- ↑ Schlegel, Rolf H J (January 1, 2003). एन्साइक्लोपीडिक डिक्शनरी ऑफ प्लान्ट ब्रीडिन्ग एंड रिलेटेड सबजेक्ट्स. Haworth Press. पृ॰ 177. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 1-56022-950-0.
- ↑ अ आ Mauseth, James D. (अप्रैल 1, 2003). वनस्पति विज्ञान: पादप जीवविज्ञान एक परिचय. Jones and Bartlett. पपृ॰ 271–272. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-7637-2134-4. मूल से 14 अप्रैल 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 जनवरी 2009.
- ↑ अ आ McGee, Harold (नवम्बर 16, 2004). ऑन फूड & कुकिंग: द साइंस एंड लोर ऑफ द किचन. Simon and Schuster. पपृ॰ 247–248. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-684-80001-2. सन्दर्भ त्रुटि:
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अमान्य टैग है; "McGee247" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है - ↑ McGee. On Food and Cooking. पृ॰ 367.
- ↑ For a Supreme Court of the United States ruling on the matter, see Nix v. Hedden.
- ↑ McGee. On Food and Cooking. पृ॰ 501.
- ↑ Lewis. CRC Dictionary of Agricultural Sciences. पृ॰ 238.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 20 दिसंबर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 जनवरी 2009.
- ↑ Mauseth, James D. (2003). Botany: an introduction to plant biology. Boston: Jones and Bartlett Publishers. पपृ॰ 258. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-7637-2134-3.
- ↑ Rost, Thomas L.; Weier, T. Elliot; Weier, Thomas Elliot (1979). Botany: a brief introduction to plant biology. New York: Wiley. पपृ॰ 135–37. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-471-02114-8.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)
- ↑ Mauseth. Botany. Chapter 9: Flowers and Reproduction. मूल से 13 अप्रैल 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 जनवरी 2009.
- ↑ Capon, Brian (फ़रवरी 25, 2005). Botany for Gardeners. Timber Press. पपृ॰ 198–199. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-88192-655-8. मूल से 18 अगस्त 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 मई 2009.
बाहरी कड़ियाँ
- Images of fruit development from flowers at bioimages.Vanderbilt.edu
- Fruit and seed dispersal images at bioimages.Vanderbilt.edu
- Fruit Facts Archived 2020-07-12 at the वेबैक मशीन from California Rare Fruit Growers, Inc.
- Photo ID of Fruits Archived 2021-01-09 at the वेबैक मशीन by Capt. Pawanexh Kohli
- “Fruit”। ब्रिटैनिका विश्वकोष (11th)। (1911)।