कन्नूर
कन्नूर (Kannur) भारत के केरल राज्य के कन्नूर ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। कन्नूर अरब सागर से तटवर्ती है।[1][2]
कन्नूर Kannur കണ്ണൂർ | |
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कन्नूर के दृश्य | |
निर्देशांक: 11°52′08″N 75°21′22″E / 11.869°N 75.356°Eनिर्देशांक: 11°52′08″N 75°21′22″E / 11.869°N 75.356°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | केरल |
ज़िला | कन्नूर ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 2,32,486 |
भाषा | |
• प्रचलित | मलयालम |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 670001 |
दूरभाष कोड | 0497 |
आई॰एस॰ओ॰ ३१६६ कोड | IN-KL |
वाहन पंजीकरण | KL-13 |
लिंगानुपात | 1000:1090 ♂/♀ |
साक्षरता दर | 96.23% |
वेबसाइट | www |
विवरण
संपादित करेंपर्यटकों को कन्नूर काफी रास आता है। प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण इस नगर के पश्चिमी तट पर फैले रेत को लक्षद्वीप सागर चूमता है और तट के दूसरी तरफ ऊंचे-ऊंचे ताड़ के पेड़ वातावरण को और मनोरम बनाते हैं। सांस्कृतिक विरासत और कला से संपन्न इस नगर से अनेक किस्से जुड़े हुए हैं। माना जाता है कि राजा सोलोमन का जहाज मंदिर बनवाने हेतु लकड़ियां एकत्रित करने यहीं आया था। यहां की थय्यम नृत्य परंपरा विश्व प्रसिद्ध है। अतीत की याद दिलाती यहां की अनेक इमारतें जैसे मस्जिद, मंदिर और चर्च अपनी कहानी स्वयं कहते प्रतीत होते हैं।
आकर्षण
संपादित करेंसेन्ट एंजिलो फोर्ट
संपादित करेंकन्नूर किले के रूप में विख्यात इस किले का निर्माण 1505 ई. में प्रथम पुर्तगाली वायसराय डॉन फ्रांसिसको डी अलमीडा द्वारा बनवाया गया था। पुर्तगालियों के बाद इस किले पर डचों को नियंत्रण हो गया, उसके बाद अंग्रेजों ने इस पर अधिकार कर लिया। मालाबार में अंग्रेजों का यह प्रमुख सैन्य ठिकाना था। वर्तमान में यह किला भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण के अधीन है और यहां से मप्पिला बे फिशिंग हार्बर के सुंदर दृश्य देखे जा सकते हैं। यह किला कन्नूर से 3 किलोमीटर की दूरी पर है।
मदायी मस्जिद
संपादित करेंइस खूबसूरत प्राचीन मस्जिद का निर्माण 1124 ई. में मुस्लिम उपदेशक मलिक इबन दीनार ने करवाया था। माना जाता है कि मस्जिद के सफेद रंग के ब्लॉक को इसके संस्थापक द्वारा मक्का से लाया गया था। मलिक इबन दीनार धार्मिक उपदेश देने के लिए भारत आए थे। मस्जिद के निकट ही मैसूर के शासक टीपू सुल्तान द्वारा बनवाया गया एक किला है। यह किला अब क्षतिग्रस्त हो चला है।
पयमबल्लम बीच
संपादित करेंयह बीच केरल के सबसे खूबसूरत बीचों में एक है। स्वदेशाभिमानी के रामाकृष्ण पिल्ला, ए के जी और चदायन गोविन्दन जैसे राष्ट्रवादी नेताओं ने यहां आराम किया था। यह बीच कन्नूर किले के समीप स्थित है। इस बीच की खूबसूरती देशी पर्यटकों के साथ विदेशी सैलानियों को भी आकर्षित करती है। बीच के साथ ही एक पार्क बना हुआ है जिसमें 18 फीट लंबी और 15 फीट ऊंची मूर्ति बनी हुई है। बच्चों के मनोरंजन के लिए भी यहां एक पार्क बना हुआ है।
मुजुपिलंगड बीच
संपादित करें4.5 किलोमीटर लंबे इस बीच की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां आसानी से ड्राईविंग की जा सकती है। गाड़ियों के पहिए इस बीच के रेत में नहीं फंसते। यह बीच मोइटू ब्रिज तक फैला हुआ है और इसे तैराकी प्रिय लोगों का स्वर्ग कहा जाता है। बीच कन्नूर के दक्षिण दिशा से 15 किलोमीटर की दूरी पर है। जलक्रीडाओं की अनेक गतिविधियों का यहां आनंद लिया जा सकता है।
थलस्सरी किला
संपादित करेंइतिहास के अनेक उतार-चढ़ाव का गवाह यह किला पर्यटकों को काफी पसंद आता है। थलस्सरी नगर के थिरूवल्लपद हिल पर यह किला बना हुआ है जो दक्षिणी कन्नूर से 20 किलोमीटर दूर है। इस किले का निर्माण ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1708 ई. में करवाया था। लाल ईटों से बना यह किला दो एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। अंग्रेज इस किले का उपयोग टकसाल और कारागार के तौर पर करते थे। हैदर अली की सेना के अनेक नेताओं को यहां कैद किया गया था। किले के निकट ही सेन्ट जॉन चर्च है, जहां एडवर्ड ब्रेन्नन ने आराम किया था।
ईजीमाला
संपादित करेंईजीमाला पहाड़ियां और बीच कन्नूर की उत्तरी सीमा पर स्थित है। कन्नूर से 50 किलोमीटर दूर इन पहाड़ियों में दुर्लभ जड़ी-बूटियां पाई जाती हैं। यहां माउंट देली लाइटहाउस भी बना हुआ है जिसकी देखभाल नौसेना द्वारा की जाती है। लाइटहाउस प्रतिबंधित क्षेत्र में है और सैलानियों को यहां जाना मना है। यहां के बीच की रेत अन्य बीचों से अलग है, साथ ही यहां का पानी अन्य स्थानों से अधिक नीला है। यहां की एट्टीकुलम खाड़ी में डॉल्फिनों को देखा जा सकता है।
अरालम वन्य जीव अभयारण्य
संपादित करेंयह शांत और विशाल अभयारण्य पश्चिमी घाट के ढलान पर स्थित है। उष्णकटिबंधीय पेड़ों से घिर इस अभयारण्य में जीव जंतुओं की अनेक दुर्लभ प्रजातियों को देखा जा सकता है। हिरन, हाथी, बोर और बिसन आदि पशुओं के झुंड यहां सामान्यत: देखे जा सकते हैं। साथ ही तेंदुए, जंगली बिल्ली, गिलहरियों की विविध प्रजातियां और लगभग 160 दुर्लभ पक्षियों की प्रजातियों यहां देखी जा सकती हैं। यह अभयारण्य थलेस्सरी रेलवे स्टेशन से 35 किलोमीटर दूर है।
अरक्कल महल
संपादित करेंयह महल कन्नूर नगर से 2 किलोमीटर दूर है। अरक्कल की रानी या बीबी को यह महल समर्पित है। केरल के एकमात्र मुस्लिम शाही परिवार से संबंध रखने वाला यह किला ऐतिहासिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। इस मुस्लिम परिवार के नियंत्रण में तटीय इलाके और लक्षद्वीप थे।
स्नेक पार्क
संपादित करेंयह पार्क केरल में इस तरह का एकमात्र पार्क है। सांपों के लिए यहां तीन गर्त हैं। 15 शीशों का केस सांपों के लिए है और दो विशाल विशाल ग्लास हाउस किंग कोबरा के लिए यहां हैं। हर घंटे यहां सापों की प्रदर्शनी लगती है जिसे देखने बड़ी संख्या में लोग आते हैं। यह पार्क प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम 5:30 बजे तक खुला रहता है।
आवागमन
संपादित करें- वायु मार्ग
कोजीकोड का करीपुर विमानक्षेत्र यहां का नजदीकी एयरपोर्ट है। यह एयरपोर्ट दक्षिणी कन्नूर से 93 किलोमीटर की दूरी पर है।
- रेल मार्ग
कन्नूर का रेलवे स्टेशन शोरपुर- मंगलौर रेललाइन पर स्थित दक्षिण भारत का महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है। यह रेलवे स्टेशन देश के अनेक बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है।
- सड़क मार्ग
केरल और आसपास के राज्यों के अनेक शहरों से सड़क मार्ग के द्वारा आसानी से कन्नूर पहुंचा जा सकता है। राज्य परिवहन की नियमित बस सेवाएं इसे अन्य शहरों से जोड़ती हैं।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Lonely Planet South India & Kerala," Isabella Noble et al, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787012394
- ↑ "The Rough Guide to South India and Kerala," Rough Guides UK, 2017, ISBN 9780241332894