कपिला वात्स्यायन
कपिला वात्स्यायन (१९२८-१६ सितंबर २०२०) प्रमुख विद्वान हैं। सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन अज्ञेय उनके पति थे।
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जन्म |
25 दिसम्बर 1928 दिल्ली |
मौत |
16 सितम्बर 2020 | (उम्र 91 वर्ष)
शिक्षा की जगह | दिल्ली विश्वविद्यालय, मिशिगन विश्वविद्यालय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय |
पेशा | विद्वान, कला इतिहासकार |
जीवनसाथी | सच्चिदानन्द वात्स्यायन 'अज्ञेय' |
वह इन्दिरा कलाकेन्द्र तथा सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र (CCRT) की प्रथम अध्यक्ष थीं। दिल्ली विश्वविद्यालय की पूर्व छात्र डॉ. कपिला वात्स्यायन ने अपना करियर शिक्षण व्यवसाय से शुरू किया, लेकिन उनके व्यापक ज्ञान और अनुभव को देखते हुए उन्हें शिक्षा और संस्कृति मंत्रालय में ले लिया गया। जिस समय शिक्षा की सुविधाएं प्रारंभिक स्तर पर थीं, उस समय डॉ. वात्स्यायन ने शिक्षा सुविधाओं के विस्तार में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। डॉ. वात्स्यायन को डॉ. एस. राधाकृष्णन, डॉ. जाकिर हुसैन, पंडित जवाहरलाल नेहरू, डॉ. केएल श्रीमाली, प्रो. वीकेआरवी राव, डॉ. सी. डी. देशमुख, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, डॉ. कर्ण सिंह और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तथा राजीव गांधी जैसी महान् हस्तियों के साथ काम करने का मौका मिला। कमलादेवी ने भारतीय महिलाओं की उस पीढ़ी का प्रतिनिधित्व किया जो स्वतंत्रता सेनानी थीं, तथा जो भारतीय महिलाओं को संकीर्ण सामाजिक और आर्थिक सीमाओं के बंधनों से मुक्त करने के लिए संघर्षरत थी।
प्रमुख पुरस्कार और सम्मान
संपादित करें- 1955, भारत सरकार का पद्म भूषण।
- 1966, सामुदायिक नेतृत्व के लिए रेमन मैग्सेसे पुरस्कार।
- 1974, संगीत नाटक अकादमी का आजीवन उपलब्धि पुरस्कार, रत्न सदस्य।
- 1977, हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए यूनेस्को पुरस्कार।
- 1987, भारत सरकार का पद्म विभूषण।
सन्दर्भ
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