कमान सिंह
लेफ्टिनेंट कर्नल कमान सिंह, एम वी सी भारतीय सेना में एक अधिकारी थे। वह 3 गढ़वाल राइफल्स के अधिकारी थे। उन्हें जम्मू और कश्मीर में भारत-पाक युद्ध के दौरान वीरता के लिए भारत के प्रथम गणतन्त्र दिवस 26 जनवरी 1950 को महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था। [2]
लेफ्टिनेंट कर्नल कमान सिंह महावीर चक्र (एमवीसी) | |
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जन्म | 23 अप्रैल 1917 [1] |
देहांत |
15 जुलाई 1956 जम्मू और कश्मीर |
निष्ठा | भारत |
सेवा/शाखा | भारतीय सेना |
उपाधि | लेफ्टिनेंट कर्नल |
सेवा संख्यांक | IC-397 |
दस्ता | 3 गढ़वाल |
युद्ध/झड़पें | भारत-पाक युद्ध |
सम्मान | महावीर चक्र |
मई 1948 का ऑपरेशन
संपादित करें18 मई 1948 को कश्मीर ऑपरेशन के दौरान गढ़वाल राइफल्स की तीसरी बटालियन को ट्रहगाम रिज को सुरक्षित करने का काम दिया गया था। लेफ्टिनेंट कर्नल कामन सिंह ने खुद बहुत भारी प्रतिरोध के खिलाफ यह हमला किया था। वह अपने आगे की प्लाटून के पास उपस्थित थे और व्यक्तिगत रूप से हमले का नेतृत्व कर रहे थे। 17 जून को पुनः उन्हे टिथवाल से परे बनी रिज पर एक मजबूत स्थिति में छापे मारने का काम दिया गया था। भारी दुश्मन की फायरिंग के बावजूद इतना प्रभावी हमला किया गया कि दुश्मन तेजी से भागे तथा कई मृत और घायल हो गए। लगातार तीन जवाबी हमलो ने दुश्मन को भारी नुकसान पहुंचाया जिसमें एक लेफ्टिनेंट कर्नल की मौत हो गई।
पूरे ऑपरेशन के दौरान लेफ्टिनेंट कर्नल कामन सिंह की अपनी बटालियन से निपटने की रणनीति बहुत ही शानदार थी और उनका नेतृत्व और साहस और दृढ़ संकल्प का व्यक्तिगत उदाहरण बहुत उच्च क्रम का था।
सम्मान
संपादित करेंलेफ्टिनेंट कर्नल कामन सिंह के नेतृत्व, साहस और दृढ़ संकल्प के कारण इन्हे भारत सरकार द्वारा महावीर चक्र से सम्मानित किया गया।
संदर्भ
संपादित करें- ↑ "The War Decorated India & Trust पर कमान सिंह की जीवनी". मूल से 3 जनवरी 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 जनवरी 2020.
- ↑ "भारत सरकार की वेबसाइट पर कमान सिंह के बारे मे". मूल से 11 जुलाई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 जनवरी 2020.