कल्याण मल लोढ़ा (२१ सितम्बर १९२१ - २१ नवम्बर २००९) हिन्दी के लब्धप्रतिष्ठित साहित्यकारजोधपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति थे। आप अपनी ओजपूर्ण वाक्शैली के लिए देश भर जाने जाते थे। विविध सम्मेलनों में आपने अपना ओजश्वी वक्तव्य देकर हिंदी का मान बढाया. आप के के बिरला फाउन्डेसन, भारतीय विद्या भवन, भारतीय भाषा परिषद्, भारतीय संस्कृति संसद सरीखी देश की सुप्रसिद्ध संस्थावों से जुड़े हुए थे।

जीवनी संपादित करें

२९ सितम्बर १९२१ को राजस्थान में जन्मे प्रोफ़ेसर लोढ़ा ने १९४३ में इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयाग से हिंदी में एम ए किया। सन १९४५ में आप पश्चिम बंगाल की राजधानी कलकत्ता आकर बस गए। कलकत्ता के जयपुरिया कॉलेज में आप हिंदी के विभाध्यक्ष नियुक्त हुए. १९४८ में कलकत्ता विश्वविद्यालय में अंशकालिक प्राध्यापक के रूप में काम शुरू किया, फिर १९५३ में पूर्णकालिक प्राध्यापक नियुक्त हुए. १९६० में आप रीडर बने और १९७४ में प्रोफ़ेसर. १९६० से ८० तक आप कलकत्ता विश्वविद्यालय में हिंदी के विभागाध्यक्ष रहे. इस लम्बे कार्यकाल में आपने हिंदी की विकास यात्रा में नए आयाम स्थापित किये. हिंदी के सुविख्यात विद्वान तथा उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल आचार्य विष्णुकांत शास्त्री कलकत्ता विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर लोढ़ा के शिष्य रहे. सन १९७९ से ८० तक आप राजस्थान के जोधपुर विश्वविद्यालय के कुलपति नियुक्त किये गए। एक वर्ष के पश्चात आप पुनः कलकत्ता आ गए फिर सन १९८६ में आपने कलकत्ता विश्वविद्याला से अवकाश ग्रहण किया।

कार्य संपादित करें

प्रोफ़ेसर लोढ़ा ने ५० से अधिक शोध निबंध लिखे. आपने दर्जनों पुस्तकों की रचना की, जिनमे प्रमुख हैं- वाग्मिता, वाग्पथ, इतस्ततः, प्रसाद- सृष्टी व दृष्टी, वागविभा, वाग्द्वार, वाक्सिद्धि, वाकतत्व आदि. इनमे वाक्द्वार वह पुस्तक है, जिसमे हिंदी के स्वनामधन्य आठ साहित्यकारों - तुलसी, सूरदास, कबीर, निराला, मैथिलीशरण गुप्त, जयशंकर प्रसाद, महादेवी वर्मा, माखनलाल चतुर्वेदी के साहित्यिक अवदानों का सुचिंतित तरीके से मूल्यांकन किया गया है। प्रोफ़ेसर लोढ़ा ने प्रज्ञाचक्षु सूरदास, बालमुकुन्द गुप्त-पुनर्मूल्यांकन, भक्ति तत्त्व, मैथिलीशरण गुप्त अभिनन्दन ग्रन्थ का संपादन भी किया।

सम्मान एवं पुरस्कार संपादित करें

प्रोफ़ेसर लोढ़ा को उनके साहित्यिक अवदानों के लिए मूर्तिदेवी पुरस्कार, केंद्रीय हिंदी संसथान, आगरा से राष्ट्रपति द्वारा सुब्रमण्यम सम्मान, अमेरिकन बायोग्राफिकल सोसाइटी अदि ने सम्मानित किया।

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें