तेरहवीं शताब्दी मे तोमर बालोत वंश से ताल्लुक रखने वाला मेवाती सरदार। मेव जाती मे गोत्र पाल प्रणाली का जनक [[1]] ।

भाई सू हाजर रहे, पर्वत लागे पांव. 12-52 पाल मे तिलक तौमर के नाम।

इतिहास संपादित करें

मेवात के मेव शासक बालोत वंश के महाराणा काकू राणा ने तेरहवीं शताब्दी में महरोली के निकट अपने गढ़ गढ़धामना मेवात क्षेत्र को गोत्रपाल में बांटा था। कहा जाता है कि बलबन की दमन नीति के कारण मेव लोग बड़े संकट में थे। काकू राणा ने मेवात की पूरी आबादी को संगठित करने के लिए क्षेत्र और उसके प्रमुखों का विभाजन और उप-विभाजन शुरू किया। कुलों के मुखिया संगठित थे और बलबन की सेना के विरुद्ध लड़ने के लिए प्रतिबद्ध थे। [[2]]