कानपुर देहात जिला
कानपुर देहात भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है। जिले का मुख्यालय माती (अकबरपुर) है। वर्ष १९७७ में कानपुर जिले को दो भागों (कानपुर नगर तथा 'कानपुर देहात') में विभाजित कर दिया गया। १९७९ में पुनः दोनो को मिला दिया गया किन्तु १९८१ में पुनः विभाजन किया गया। १ जुलाई २०१० को इसका नाम बदलकर 'रमाबाई नगर जिला' कर दिया गया जिसे २०१२ में फिर से 'कानपुर देहात' कर दिया गया।
कानपुर देहात जिला | |||||
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |||||
देश | भारत | ||||
राज्य | उत्तर प्रदेश | ||||
जनसंख्या | 1,795,092.[1] (2011 के अनुसार [update]) | ||||
विभिन्न कोड
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आधिकारिक जालस्थल: http://www.kanpurdehat.nic.in/ |
परिचय
संपादित करेंकानपुर देहात उत्तर प्रदेश (भारत) में गंगा-यमुना के दोआब के दक्षिणी भाग में अवस्थित है। आकार में यह एक असम चतुर्भुज है। जिले में पानी के बहाव की ढाल पश्चिमोत्तर से दक्षिण-पूर्व की ओर है। यह समस्त भूभाग नदियों की लाई हुई दोमट मिट्टी के बिछाव से बना है। औसत ऊँचाई समुद्रतट से ४२० फुट से ४५० फुट तक है। इस जिले की मुख्य नदी गंगा है तथा अन्य बड़ी नदियाँ यमुना, पांडो (पांडव), ईशान (ईसन) तथा उत्तरी नोन हैं। यमुना की सहायक नदियाँ दक्षिणी नोन, खिंद और सेगुर हैं। जिले की भूमि स्वयं एक दोआब है तथा इस दोआबे के अंतर्गत और उसी की लंबाई में अन्य पाँच छोटे-छोटे दोआब हैं। गंगा-यमुना की सहायक नदियाँ इस भूमि में इन्हीं नदियों के समानांतर बहती हैं और इन्हीं से ये दोआबे बनते हैं।
जलवायु दोआबे के अन्य भागों की भाँति है। मार्च मास से लेकर वर्षा आरंभ होने तक जलवायु शुष्क रहती है तथा मई, जून में भयानक गर्मी पड़ती है। अक्टूबर के अंत से ही जाड़ा पड़ने लगता है। जनवरी में यथेष्ट जाड़ा पड़ता है। रात का तापक्रम ४०स् फा. तक हो जाता है। प्राय: पाला भी पड़ जाता है। गर्मी के दिनों में तापक्रम ११५ डिग्री-११८ डिग्री फारेनहाइट तक पहुँच जाता है। वार्षिक वृष्टि का वर्तमान औसत ३२.८७ इंच है। जिले में बाढ़ का भय अपेक्षाकृत कम रहा और यदि बाढ़ आई भी तो विशेषकर बिठूर तथा नवाबगंज के बीच गंगा के कछारी भाग में, जहाँ नोन नदी का पानी गंगा की बाढ़ के कारण रुक जाता है। जिले की सबसे भयंकर बाढ़ें सन् १९२४ ई. तथा १९४८ ई. में आईं जिनमें परमट, पुराने कानपुर आदि के कुछ भागों में भी पानी भर गया था। जिले में कभी वर्षा औसत से बहुत कम हाती हे, अत: अकाल की संभावनाएँ होती रहती हैं।
जिले की अधिकांश भूमि पर रबी की फसलें होती हैं। रबी की मुख्य उपज गेहूँ, जौ, चना, मटर अरहर और सरसों आदि तथा खरीफ की उपज चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, कपास आदि हैं। गन्ने की खेती भी होती है।
यातायात
संपादित करेंजिला मुख्यालय माती कानपुर-झाँसी रोड पर अकबरपुर के समीप स्थित है। रूरा और पुखरायां इस जिले के दो मुख्य रेलवे स्टेशन हैं। रूरा जिला मुख्यालय के १४ किलोमीटर पश्चिम में हावड़ा कानपुर दिल्ली लाइन पर और पुखरायां जिला मुख्यालय के २० किलोमीटर दक्षिण में कानपुर झांसी मुंबई लाइन पर स्थित है। भारत का राष्ट्रीय राजमार्ग अकबरपुर के मध्य से होकर जाता है जो पश्चिम में आगरा ,दिल्ली और पूर्व में हावड़ा तक जाता है।
इतिहास
संपादित करेंयह जनपद सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, विरासत एवं स्वतंत्रता संग्राम की अनगिनत स्मृतियों को अपने अन्दर समेटे हुए है। देव समाज के प्रवर्तक स्वामी सत्यानन्द की जन्म स्थली भी अकबरपुर इसी जिले में है। जनपद के वीर रणबाकुंरों ने भी स्वतन्त्रता संग्राम में अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए थे। इसमें सिकदार के गोसाई बंधु के वंशज, नार काहिंजरी के गौर राजा दरियव चन्द्र का आत्म बलिदान, रानी लक्ष्मीबाई की सहचारिणी अवंतीबाई, झलकारी बाई आदि अनगिनत रअबांकुरों की गरौवगाथा सम्मिलित है। मदारपुर की लड़ाई, जो 1528 ई. में हुई थी, सकरवार राजपूत जमींदारों और मुगल साम्राज्य के बीच लड़ी गई थी। यह उस स्थान पर हुआ जो अब कानपुर देहात जिला है। यह भूमि देशभक्त सचान समुदाय का घर है, जिन्होंने 1857 के विद्रोह के दौरान नाना साहेब और तात्या टोपे के समर्थन में रक्त और धन दोनों प्रदान किया था। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के नाम पर स्वेच्छा से अपनी जमींदारियाँ त्याग दीं। सचान लोग मुख्य रूप से भोगनीपुर तहसील और उसके आसपास के क्षेत्रों में स्थित हैं।
मुख्य क्रान्तिकारी
संपादित करें- गौर राजा दरियावचन्द्र
- शाहपुर की रानी
- राजा विजय सिंह
- शिवराम पाण्डेय
- नित्यानंद पाण्डेय
- मन्नालाल सचान
- रामाधार त्यागी
- रामखेलावन मिश्र
- द्विजेन्द्र नाथ शुक्ल
- शम्भू दयाल चतुर्वेदी
- राम स्वरुप गुप्ता
- विश्वम्भर नाथ द्विवेदी
उल्लेखनीय व्यक्तित्व
संपादित करें- बाबू राम प्रसाद शुक्ल : यह रूरा नगर में अपने समय में सबसे धनी समाज सेवक थे। इन्होने रूरा नगर में वर्ष १९४७ में राम प्रसाद सार्वजनिक इण्टर कॉलेज की स्थापना कर कला, विज्ञान, वाणिज्य और कृषि वर्गों में एक साथ इण्टर की मान्यता ली तथा अपनी करोड़ों की सम्पूर्ण संपत्ति इस आर० पी० एस० इण्टर कॉलेज और पण्डित कलिका प्रसाद ट्रस्ट को दान दे दी। बाद में इसी ट्रस्ट द्वारा इनकी माता चिरंजी देवी के नाम पर चिरंजी देवी बालिका इण्टर कॉलेज की स्थापना की गयी।
- रामस्वरूप वर्मा : समाजवादी नेता
कवि
संपादित करेंअशर्फी लाल मिश्र हिन्दी के प्रतिष्ठित कवि हैं। इनके द्वारा लिखित " लाल शतक (दोहे)" दो खंडों में अमर उजाला में प्रकाशित हो चुका है।en:Kanpur Dehat district
धार्मिक स्थल
संपादित करेंयह जिला धार्मिक स्थलों में भी अलग पहचान रखता है और इसका धार्मिक ग्रंथों में भी उल्लेख मिलता है। मूसानगर स्थित मां मुक्तेशवरी मंदिर है। यहीं पर देवयानी सरोवर भी है, जिसे छोटी गया के नाम से जाना जाता है। इसके साथ ही कत्यानी देवी मंदिर, दुर्वासा ऋषि आश्रम, वाणेश्वर महादेव मंदिर, परशुराम की जन्म स्थल परसौरा आदि पौराणिक स्थल हैं।
- वाणेश्वर महादेव मंदिर ( बनीपारा )[2]
- कपालेश्वर मंदिर
- मुक्ता देवी मंदिर [2]
- कात्यानी देवी (कथरी देवी ) का मंदिर[2]
- काली देवी मंदिर, अरहरियामऊ
शिक्षण संस्थाएं
संपादित करें- आर ० पी ० एस ० इण्टर कॉलेज, रुरा
- श्री नन्दलाल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, सिकन्दरा
- आर ० यस ० जी ० यू ० इण्टर कॉलेज, पुखरायां
- अकबरपुर इण्टर कॉलेज, अकबरपुर
- गलुआपुर इण्टर कॉलेज (गलुवापुर इण्टर कॉलेज, गलुवापुर)
- पटेल विद्यापीठ इण्टर कॉलेज, बरौर
- अकबरपुर महाविद्यालय, अकबरपुर
- राजकीय महाविद्यालय, अकबरपुर
- ग्राम विकास इण्टर कॉलेज, बुधौली
- चिरंजी देवी बालिका इण्टर कॉलेज, रूरा
- श्री गांधी इंटर कॉलेज, झींझक
- राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, पुखरायां
- अमर शहीद राजा दरियावचन्द इंटर कॉलेज, रसूलाबाद
- ताराचंद इंटर कॉलेज, शिवली
- सरस्वती विद्यामंदिर इंटर कॉलेज सिकंदरा
- श्री शिवनाथ सिंह क्षेत्रीय विद्यालय इंटर कॉलेज रंजीतपुर
- श्री अयोध्या सिंह सार्वजानिक इंटर कॉलेज काशीपुर
- श्री राम रतन बालिका इंटर कॉलेज झींझक
- जागेश्वर प्रसाद इंटर कॉलेज कटहरा - रसूलाबाद
- बालगोविन्द सार्वजानिक इंटर कॉलेज प्रयागपुर - खानपुर
- कंचन सिंह भूली देवी महाविद्यालय सरवनखेड़ा
- शिववती शिवनंदन शुक्ल महाविद्यालय पुखरायां *
- त्रियुगी नारायण महाविद्यालय मंगलपुर
- सरला द्विवेदी महाविद्यालय अकबरपुर
- दर्शन सिंह स्मृति महाविद्यालय कंचौसी बाजार
- पंडित कुंदन लाल शुक्ल महाविद्याय प्रसिद्धपुर -रनिया
- गुढ़ा देवी श्याम विहारी महाविद्यालय डेरापुर
- मयंक शेखर महाविद्यालय कोरौवा
- पंडित ओम प्रकाश शर्मा महाविद्यालय रूरा
- जानका देवी डिग्री कॉलेज रूरा
- विवेकानंद राष्ट्रीय इंटर कॉलेज पुखरायां
- देवी सहाय इंटर कॉलेज डेरापुर
- गांधी इण्टर कॉलेज नोनारी
- जनता इंटर कॉलेज असालतगंज
- गांधी फ़ैज़े ए आम टेक ० इंटर कॉलेज असालतगंज
- श्री मालवीय इंटर कॉलेज मुगीसापुर
- जनता इंटर कॉलेज गौरीकरन
- जनता इंटर कॉलेज रमऊ
- जनता औद्योगिक इंटर कॉलेज शेरपुर गुढ़ा
- नेहरू स्मारक इंटर कॉलेज शाहजहाँपुर
- पटेल इंटर कॉलेज शेखपुर, भोगनीपुर
- सी पी के यू इंटर कॉलेज मूसानगर
- दयानंद ग्राम औद्योगिक इंटर कॉलेज बाढ़ापुर
- श्री रामरतन औद्योगिक कृषि इंटर कॉलेज झींझक
- जनकल्याण इंटर कॉलेज उरसान
- श्री रामरतन इंटर कॉलेज कंचौसी -बाजार
- श्री शिव सहाय इंटर कॉलेज कौरू फरहदपुर
- भारतीय विद्यापीठ इंटर कॉलेज राजपुर
- पातालेश्वर इंटर कॉलेज दोहरापुर
- राष्ट्रीय सार्वजानिक इंटर कॉलेज भिखनापुर
- नेहरू इंटर कॉलेज गजनेर
- यू एन सिंह इंटर कॉलेज जिन्दौरा
- बाघपुर इंटर कॉलेज बाघपुर
- रमाकांत सुन्दरलाल इंटर कॉलेज गहलों
- बाबू दशरथ सिंह इंटर कॉलेज औरंगाबाद
- श्री कृष्णा औद्योगिक इंटर कॉलेज मुहम्मदपुर
- अकबरपुर बालिका इंटर कॉलेज अकबरपुर
- श्री वी एम एस इंटर कॉलेज कटठी
- श्रीकृष्ण आयुर्वेदिक संस्कृत महाविद्यालय मूसानगर
- आदर्श किसान इंटर कॉलेज हासेमऊ
- जनता इंटर कॉलेज ऊमरपुर
- भेवान इंटर कॉलेज भेवान
- श्री गांधी बालिका इंटर कॉलेज झींझक
- श्री नेहरू इंटर कॉलेज रसधान
- श्री राम जानकी संस्कृत महाविद्यालय गौरियापुर
- आदर्श जनता इंटर कॉलेज डोभा
- श्री बृज बिहारी इंटर कॉलेज अमरौधा
- सी पी के यू इंटर कॉलेज मूसानगर
- श्री शंकर इंटर कॉलेज सुजौर
- क्षेत्रीय इंटर कॉलेज फतेहपुर रोशनाई
- जनतंत्र इंटर कॉलेज सैंथा
- पं ० त्रियुगी नारायण महाविद्यालय मंगलपुर
- एम जी एम हायर सेकेंडरी स्कूल चिलौली
- जनता हाईस्कूल मैथा रेलवे स्टेशन
ऐतिहासिक स्थल
संपादित करें- शुक्ल तालाब (अकबरपुर )[2]
सब डिवीजन(तहसीलें )
संपादित करें- अकबरपुर
- भोगनीपुर
- डेरापुर
- रसूलाबाद
- सिकंदरा
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चित्र दीर्घा
संपादित करें-
प्राचीन बरगद का वृक्ष (शिव बजरंग धाम किशुनपुर )
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जल रंगों से बनी डिजाइन
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जिला अस्पताल
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वाणेश्वर महादेव मंदिर
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वाणेश्वर महादेव मंदिर में पूजा का एक दृश्य
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दुर्गा देवी मंदिर रूरा
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वाणेश्वर महादेव मंदिर का आंतरिक दृश्य
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उपरिगामी पुल रेलवे स्टेशन रूरा
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दुर्गा देवी मंदिर रूरा
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कालिका देवी मंदिर अकबरपुर
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शुक्ल तालाब
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शुक्ल तालाब (dry view)
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शुक्ल तालाब (West view)
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हरदेव मंदिर (बुधौली )
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "District Census 2011". Census2011.co.in. 2011. मूल से 11 जून 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2011-09-30.
- ↑ अ आ इ ई उ ऊ ए "संग्रहीत प्रति". मूल से 7 मई 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 सितंबर 2015.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 11 अक्तूबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 जुलाई 2016.
सरगांव में दुर्गा माता का मंंदिर प्राचीन है यहां बहुत सारे लोग पूजा करने आते हैं
संपादित करेंरोहित दीक्षित से मिले सरगांव में choni के भाई