कारवाड़ा, राजस्थान के पाली जिले के मारवाड़ जंक्शन तहसील का एक प्रमुख गांव है।

कारवाड़ा

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मारवाड़ जंक्शन तहसील का गांव कारवाड़ा लगभग पांच सौ वर्ष पूर्व एक ढाणी के रूप में बसाया गया था। उस समय राजसमंद जिले के वारजाल गांव निवासी नगेसिंह, जो रावत-राजपूत थे, अपने परिजनों के साथ बसे थे। कालान्तर में कुछ नाथ परिवार भी यहां आकर बस गए।

गांव के नामकरण के बारे में यहां के लोग जनश्रुति के आधार पर बताते है कि गांव के रेनिया बांध की उत्तर दिशा में, यहां मामाजी बावजी का थड़ा है, वहां उन्होंने घोड़े पर छत्र व ध्वजा बांधकर कार निकाली थी। उस कार के तहत जो भू- भाग आया उसका नाम कारवाड़ा हो गया। इसके अलावा बोलचाल की भाषा में इस गांव को धोवड़ी भी कहते है।

आवागमन मार्ग

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जिला मुख्यालय से ९७ किलोमीटर दूर यह गांव भगौड़ा ग्राम पंचायत मुख्यालय से चार किलोमीटर दूरी पर आया हुआ है। गांव तक पहुंचने के लिए ऊबड़-खाबड़ कच्चे रास्ते को पार करना पड़ता है। गांव में सर्वाधिक तीस-तीस घर नाथों व रावत-राजपूतों के है। इसके अलावा गांव में ढोली जाति के परिवार भी बसे हुए है।


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