कार्तिक शुक्ल अष्टमी
यह हिन्दू पञ्चाङ्ग के आठवें महीने के दूसरे पक्ष का आठवाँ दिन है।
पर्व एवं त्ययौहार
संपादित करेंकार्तिक शुक्ल अष्टमी के दिन गोपाष्टमी का त्यौहार मनाया जाता है। गौ-पूजा का आयोजन किया जाता है। मान्यता है गाय माता में सभी देवी-देवताओं का वास होता है। इसलिए इस दिन उनकी पूजा करने से व्यक्ति को देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनके सभी दुःख-पीड़ायें दूर हो जाते हैं।[1]
घटनाएँ
संपादित करें- महाभारत काल में हुए 18 दिनों के विनाशकारी युद्ध के उपरान्त अपने चित्त की अशान्ति दूर करने तथा मृतआत्माओं की शान्ति के लिए गढ़ खादर के विशाल रेतीले क्षेत्र में आकर भगवान कृष्ण के साथ पाण्डवों ने स्नान कर यज्ञ का अनुष्ठान किया जो कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी को सम्पन्न हुआ।
गोपाष्टमी हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष 2024 में गोपाष्टमी का पर्व 9 नवंबर, को पड़ रहा है।[2]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Gopashtami 2022: गोपाष्टमी पर्व के दिन करें गौ माता की पूजा, जानें तिथि शुभ मुहूर्त और पूजा विधि". Dainik Jagran. अभिगमन तिथि 2022-10-31.
- ↑ "Gopashtami 2024 :गोपाष्टमी 2024 कब है, तिथि, पूजा विधि, महत्व और पौराणिक कथा – FestivalHindu.com: पवित्र सनातन धर्म की दिव्यता – अध्यात्म और धार्मिक त्योहारों की यात्रा" (अंग्रेज़ी में). 2024-06-14. अभिगमन तिथि 2024-10-23.