कार्ल रिटर
कार्ल रिटर (जर्मन:Karl Ritter; 7 अगस्त, 1779 ई॰ - 28 सितम्बर 1859 ई॰) विश्वविख्यात जर्मन भूगोलवेत्ता थे। ये आधुनिक भूगोल के संस्थापक तथा भूगोल के एक महत्वपूर्ण क्षेत्र तुलनात्मक भूगोल के जनक माने जाते हैं।
जीवन परिचय
संपादित करेंकार्ल रिटर का जन्म 7 अगस्त, 1779 ई॰ को जर्मनी (उस समय का प्रशिया देश) के प्रसिद्ध शिक्षा केन्द्र स्नेप्फेन्थल के निकट क्वेडलिनबर्ग नामक स्थान पर हुआ।[1] रिटर के पिता एक चिकित्सक थे और उनकी मृत्यु तभी हो गयी जब कार्ल रिटर की उम्र मात्र पांच साल थी। स्नेप्फेन्थल में स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद रिटर को फ्रैंकफर्ट के एक बैंकर होल्वेग के यहाँ प्राइवेट ट्यूटर की नौकरी मिली। वे इस नौकरी के दौरान ही हाले विश्वविद्यालय में शिक्षा भी ग्रहण कर सके और बाद में 1819 में वहीं इतिहास के आचार्य के रूप में पढ़ाने भी लगे। साल भर बाद 1820 में उन्हें बर्लिन विश्वविद्यालय में आचार्य पड़ पर नियुक्त किया गया और 1821 में उन्होंने डॉक्टरेट हासिल की[2] तत्पश्चात 1825 में उन्हें विशिष्ट आचार्य (professor extraordinarius) का पद मिला[3] और उन्होंने आजीवन, लगभग चालीस वर्षों तक, बर्लिन विश्वविद्यालय की सेवा की। ये एक ऐसे भूगोलवेत्ता थे जो ईश्वर पर विश्वास करते थे
रिटर की मृत्यु 28 सितम्बर 1859 ई॰ को बर्लिन में हुयी।
योगदान
संपादित करेंइनके पहले के भूगोल में दर्शन का प्रचुर प्रभाव था और भूगोल संबंधी मान्यताएँ तथा सिद्धांत बिना प्रेक्षण के ही स्थापित कर लिए जाते थे। ये पहले भूगोलवेत्ता थे, जिन्होंने इस प्रकार की भौगोलिक मान्यताओं को प्रस्थापित करनेवाले विद्वानों का घोर विरोध किया। इनके दृष्टिकोण से भूगोल को 'पृथ्वी के विज्ञान' (Earth Science) के रूप में होना चाहिए तथा उसकी मान्यताएँ एव सिद्धांत प्रेक्षण द्वारा निर्धारित होने चाहिए। इनका दृष्टिकोण भूगोल में मानवकेंद्रित (Anthropocentric) था, किंतु ये अतिवादी न थे। मानव तथा प्रकृति के परस्पर प्रभावकारी तथ्यों का वैज्ञानिक अध्ययन एवं विवेचन इनके मूलभूत उद्देश्य थे।
कृतित्व
संपादित करेंइनकी पुस्तकों में 'मनुष्य की प्रकृति एवं इतिहास पर भूगोल का प्रभाव' सर्वप्रमुख है। अन्य रचनाओं में 'यूरोप, एक भौगोलिक, ऐतिहासिक तथा तथ्यात्मक अध्ययन' प्रमुख है।
- अर्द्कुण्डे (Die Erdkunde) - 1817[4]
- युरोप का एतिहासिक, भौगोलिक एवं सांख्यिकीय अध्ययन, 1804
- विधितंत्र पर भौगोलिक पत्रिका में प्रकाशित शोध-पत्र
- काला सागर एवं कैस्पियन सागर के मध्य के प्रदेशों का मानव स्थानान्तरण
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "1911 Encyclopædia Britannica/Ritter, Karl". मूल से 4 नवंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 नवंबर 2014.
- ↑ "1911 Encyclopædia Britannica/Ritter, Karl". मूल से 4 नवंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 नवंबर 2014.
- ↑ "1911 Encyclopædia Britannica/Ritter, Karl". मूल से 4 नवंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 नवंबर 2014.
- ↑ "The New International Encyclopædia/Ritter, Karl". मूल से 10 मई 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 नवंबर 2014.
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- भौगोलिक चिंतन का विकास, पाठ्य पुस्तक, लेखक - माजिद हुसैन