काली पूजा
देवी काली को समर्पित (कार्तिक मास की अमावस्या तिथि) को मनाया जानेवाला पर्व
काली पूजा (बांग्ला: কালী পূজা, ओड़िया: କାଳୀ ପୂଜା) महानिशा पूजा (बांग्ला: মহানিশা পূজা,ओड़िया: ମହାନିଶା ପୂଜା) अथवा श्यामा पूजा (बांग्ला: শ্যামা পূজা ,ओड़िया: ଶ୍ୟାମା ପୂଜା)पूर्वी भारत, मुख्यतः बंगाल, त्रिपुरा, ओड़िशा और असम में प्रचलित एक हिंदू पर्व है। हिंदू देवी काली को समर्पित यह पर्व कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है, अर्थात उसी दिन जिस दिन पूरे भारत में दीपावली का पर्व और लक्ष्मी पूजा मनायी जाती है। यह मान्यता है कि इसी दिन देवी काली ६४,००० योगिनियों के साथ प्रकट हुई थीं।[1]
काली पूजा | |
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महाकाली, रूद्रकाली | |
अन्य नाम | महानिशा पूजा |
अनुयायी | हिंदू |
प्रकार | हिंदू |
उत्सव | दीपावली |
अनुष्ठान | पूजा, प्रार्थना/प्रसाद |
तिथि | अमावस्या,चंद्रमास गणना आधारित |
आवृत्ति | वार्षिक |
समान पर्व | लक्ष्मी पूजा |
काली मंत्रा
संपादित करेंॐ क्रीं कालिकायै नमः - काली मंत्र का जप करने से आपको शांति-समृद्धि-सफलता प्राप्त करने में मदद मिलेगी। [2]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Regional Names of Diwali in India" (अंग्रेज़ी में). मूल से 30 नवंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 दिसंबर 2015.
- ↑ "Maha Kali Mantra". Swamirara. मूल से 28 जुलाई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 जुलाई 2017.
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