किंकरी देवी (४ जुलाई १९०४ - ३० दिसम्बर २००७), हिमाचल प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण की प्रणेता थीं।

जीवनी संपादित करें

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला के दूर दराज़ गाँव घान्टो संगडाह में चार जुलाई उनीस सौ चालीस को जन्मी किंकरी देवी ने सिरमौर जिले के गिरिपार क्षेत्र के खदानों में अवैज्ञानिक और अवैध ढंग से हो रही के विरुद्ध आवाज़ उठा कर पर्यावरण के प्रति लोगो को जागरूक किया ! 1985 में महिलाओं और स्वयंसेवी सस्थाओं के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की लड़ाई आरंभ की और आखिरी साँस तक इसे जारी रखा ! किंकरी देवी का जीवन घोर आभाव और गरीबी में बीता ! विरोध प्रदर्शन भूख हड़ताल ज्ञापनों के माधयम से किंकरी देवी ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को तो जागरूक किया ही साथ ही खनन माफियाओं को खुली चुनोती दी ! 1987 में दायर जनहित याचिका पर दिसम्बर 1991 में न्यायालय ने पक्ष में फैसला सुनाया था और 60 के लगभग खाने बंद हुई थी ! इस लड़ाई के खर्च के दौरान किंकरी देवी को ओना मंगलसूत्र तक बेचना पड़ा था !

1995 में चीन के बीजिंग में चौथे विश्व महिला समेलन का सुभारम्भ करने वाली किंकरी देवी को 2001 में प्रधानमंत्री द्वारा स्त्री शक्ति राष्ट्रीय पुरस्कार और रानी झाँसी उपाधि से समान्नित भी किया गया ! दिसम्बर 2007 में गंभीर बीमार होने पर किंकरी देवी को इलाज के लिए पीजीआई चंडीगड़ में भर्ती करवाया गया जहाँ उनका 30 दिसम्बर 2007 को निधन हो गया !