किंग्सफोर्ड
डगलस हाँलिन्सहेड किंग्सफोर्ड (जून 1871 — 12 नवंबर 1951, कैलगरी, अल्बर्टा प्रांत, कनाडा) कोलकाता के चीफ प्रेसिडेंसी मजिस्ट्रेट थे। क्रांतिकारियों को अपमानित करने और उन्हें दण्ड देने के लिए बहुत बदनाम था। ब्रिटिश सरकार ने किंग्सफोर्ड के प्रति जनता के आक्रोश को भाँप कर उसकी सुरक्षा की दृष्टि से उसे सेशन जज बनाकर मुजफ्फरपुर भेज दिया।
बंगाल के क्रांतिकारियों ने अपने बीच से प्रफुल्ल चाकी और खुदीराम बोस को इनकी हत्या के लिये तैयार किया और वे उसके पीछे-पीछे मुजफ्फरपुर पहुँच गए। दोनों ने किंग्सफोर्ड की गतिविधियों का बारीकी से अध्ययन किया। इसके बाद ३० अप्रैल १९०८ ई॰ को किंग्सफोर्ड पर उस समय बम फेंक दिया जब वह बग्घी पर सवार होकर यूरोपियन क्लब से बाहर निकल रहा था। लेकिन जिस बग्घी पर बम फेंका गया था उस पर किंग्सफोर्ड नहीं था बल्कि बग्घी पर दो यूरोपियन महिलाएँ सवार थीं। वे दोनों इस हमले में मारी गईं. यूएस पर कुशला पत्नी भी थे ओ भी मारे गई[1][2]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ भारतीय चरित कोश. दिल्ली: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली-११०००६. २००९. पृ॰ ४९०. अभिगमन तिथि ६ नवंबर २००९.
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in first (मदद) - ↑ Ritu Chaturvedi (1 January 2007). Bihar Through the Ages. Sarup & Sons. पपृ॰ 340–. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7625-798-5. अभिगमन तिथि 28 April 2012.