कुट्टी (फ़िल्म)
कुट्टी (तमिल: குட்டி) भारतीय तमिल भाषा की रूमानी एक्शन-ड्रामा फ़िल्म है। इसे 2010 में जारी किया गया था। इसका निर्देशन मिथरन जवाहर ने किया है।[1] फ़िल्म में धनुष, श्रिया सरन, समीर दत्तानी (उनकी पहली तमिल फिल्म में) और राधा रवि ने प्रमुख भूमिका निभाई है।
यह फिल्म, अल्लू अर्जुन अभिनीत तेलुगु फिल्म आर्य (2004) की रीमेक है।[2] इसमें देवी श्री प्रसाद ने संगीत रचना की है। इस फ़िल्म को 14 जनवरी 2010 को तमिल त्योहार थाई पोंगल के दिन जारी किया गया था। जबकि हिन्दी में इसे गोल्डमाइंस टेलीफिल्म्स ने डेरिंगबाज़ आशिक़ नाम से डब किया है।[3]
कहानी सारांश
संपादित करेंकन्याकुमारी के समुद्र तट पर, गीता (श्रिया सरन) एक अकेली पड़ी निजी डायरी को देखती है जहाँ वह उसमें लिखी एक कविता का आनंद लेती है। वहां गलती से उसकी एक पायल खो जाती है (वह समुद्र में गिर जाती है)। वह एक व्यक्ति को उसके पीछे कूदते हुए देखती है और उसे लगता है कि वह पानी में डूब के मर गया है। यह घटना उसके सपने में बार-बार आती है और वह इसके लिए खुद को बहुत दोषी महसूस करती है। वर्तमान चेन्नई में, गीता अपने कॉलेज के एक अमीर लड़के, अर्जुन (समीर दत्तानी) से मिलती है। वह उसे प्रपोज करता है और धमकी देता है कि वह उससे प्यार नहीं करेगी तो वह कॉलेज की छत से कूदकर मर जाएगा। पहले से ही एक व्यक्ति की मौत का कारण होने के लिए दोषी महसूस करते हुए, गीता उसके प्यार को स्वीकार करती है और पूरे कॉलेज के सामने अर्जुन को "आई लव यू" चिल्लाती है। इस सबको कुट्टी (धनुष) देखता है।
बाद में कुट्टी ने अर्जुन के सामने गीता से अपने प्यार का इजहार किया है जिससे गीता हैरान हो जाती है और अर्जुन नाराज हो जाता है। गीता बार-बार उसके अनुरोध को ठुकरा देती है और उसे अर्जुन के साथ अपने रिश्ते की याद दिलाती है। हालाँकि, कुट्टी उससे कहता है कि यह उसके लिए कोई मुद्दा नहीं है और वह अर्जुन से प्यार करना जारी रख सकती है लेकिन वह उससे प्यार करना कभी बंद नहीं करेगा। अर्जुन उसे रोकने के लिए उससे लड़ता है। लेकिन इसके बजाय कुट्टी उसे चुनौती देता है कि अगर अर्जुन को अपने प्यार पर भरोसा है, तो कोई भी गीता को उससे अलग नहीं करेगा।
इसी बीच, अर्जुन ने गीता को अपने पिता (राधा रवि) से मिलवाया और उनसे उनकी शादी को मंजूरी देने को कहा। लेकिन उसके पिता अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को आगे बढ़ाने के लिए, एक मंत्री की बेटी से उसकी शादी तय कर लेते हैं। इसलिए अर्जुन गीता के साथ भाग जाता है, जिसकी मदद कुट्टी करता है। कुट्टी, अर्जुन और गीता का अर्जुन के पिता के आदमियों द्वारा पीछा किया जाता है। लेकिन वे उन्हें पकड़ने में असमर्थ रहते हैं।
बाद में अर्जुन के पिता उनकी शादी के लिए मान जाते हैं। गीता अर्जुन से शादी करने के लिए उसके साथ चली जाती है। अर्जुन और गीता की शादी के दिन, कुट्टी शादी से संबंधित कार्यों की देखभाल के लिए इधर-उधर भटकता है। एक बच्चा जो कुट्टी का दोस्त होता है, गीता को कुट्टी की ओर से एक उपहार देता है। यह उपहार गीता की खोई हुई पायल होती है। कुट्टी वह व्यक्ति होता है जो उसकी पायल लाने के लिए समुद्र में कूद गया था और गीता ने उसे मृत मान लिया था। गीता को अंततः कुट्टी के प्रति अपने प्यार का एहसास होता है। वह अर्जुन के साथ अपनी शादी को अस्वीकार कर देती है और कुट्टी के पास जाती है। वह उसे गले लगाकर उसके प्यार को स्वीकार करती है।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- धनुष — कुट्टी
- श्रिया सरन — गीतांजलि "गीता"
- समीर दत्तानी — अर्जुन देवनायगम, कॉलेज का उपद्रवी जो अपने पिता के मंत्री होने के कारण लोकप्रिय है
- राधा रवि — देवनायगम, अर्जुन के पिता
- श्रीनाथ — अर्जुन का साथी
- विंसेंट अशोकन — मुथु
- राज्यलक्ष्मी — गीता की मां
- आरती — कुट्टी की सबसे अच्छी दोस्त
- स्वाति भाटिया — श्रुति, गीता की सहेली
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "First Look: Dhanush, Shriya Saran in Kutty". रीडिफ.कॉम (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 23 जून 2023.
- ↑ "Dhanush's next titled Kadhir". सिफ़ी. 2008. मूल से 16 जनवरी 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 फ़रवरी 2009.
- ↑ "हैप्पी बर्थडे धनुष: तमिल ही नहीं हिंदी दर्शकों पर भी चला है 'थलाइवा' के दामाद का जादू इन 10 फिल्मों ने बनाया दीवाना". www.bollywoodlife.com. 28 जुलाई 2020. अभिगमन तिथि 23 जून 2023.