कुदरेमुख (कन्नड़: ಕುದುರೆಮುಖ) जिसे कई बार कुदुरेमुख भी कहा जाता है, कर्नाटक राज्य के चिकमंगलूर जिला में एक पर्वतमाला है। यहीं निकटस्थ ही के एक कस्बे का नाम भि यही है। यह कर्कला से ४८ कि॰मी॰ दूर स्थित है। कुदरेमुख शब्द का मूल यहां के स्थानीय निवासियों द्वारा अश्व के मुख को कहा जाने से पड़ा है। इस पर्वत की चोटी का आकार कुछ इसी प्रकार का है। इसे ऐतिहासिक नाम समसेपर्वत से भी जाना जाता है, क्योंकि इसका रास्ता समसे ग्राम से होकर निकलता था।

कुदरेमुख
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कुदरेमुख - अश्व मुख
कुदरेमुख - अश्व मुख
कुदरेमुख - अश्व मुख
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०)
देश  भारत
राज्य कर्नाटक
ज़िला चिकमंगलूर
जनसंख्या 8,095 (2001 के अनुसार )

निर्देशांक: 13°05′N 75°10′E / 13.08°N 75.16°E / 13.08; 75.16

यह कस्बा मुख्यतः लौह अयस्क के खनन के कारण प्रसिद्ध है, जहां एक सरकारी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम कुदरेमुख आयरन ओर कंपनी लि. (KIOCL) स्थित है एवं अपने नाम के अनुसार इसी कार्य में संलग्न है। इसके साथ ही यह क्षेत्र नैसर्गिक संपदा के लिये भी मशहूर है। घने जंगल, वन्य जीवन यहां की सुंदरता को चार चांद लगाते हैं। यहां दक्षिण भारत की तीन नदियों का उद्गम है: तुंग, भद्रा एवं नेत्रवती। यहाम के प्रमुख आकर्षणों में एक भगवती दुर्गा का मंदिर एवं एक गुफा में १.८ मीटर की वाराह मूर्ति हैं।

चित्र:Kuduremukha Iron Ore.JPG
Kudremukha Iron Ore Company logo

बाहरी कड़ियाँ

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साँचा:चिकमंगलूर